संतों की गाइडलाइन, घरों में ही करे जप, तप व स्वाध्याय
अनलॉक-3 का आगाज शनिवार से हो जाएगा लेकिन कोरोना की वजह से मंदिरों गुरुद्वारों व जैन स्थानकों में आयोजनों को लेकर मनाही रहेगी।
संस, लुधियाना : अनलॉक-3 का आगाज शनिवार से हो जाएगा, लेकिन कोरोना की वजह से मंदिरों, गुरुद्वारों व जैन स्थानकों में आयोजनों को लेकर मनाही रहेगी। अगस्त में जन्माष्टमी, पर्यषूण पर्व व संवत्सरी, गणपति उत्सव है। वहीं महानगर में बढ़ रही कोरोना मरीजों की दस्तक पर सभी का कहना है कि पहले जान, फिर जहान। जैन संतों ने घरों में ही जप, तप व माला उच्चारण के लिए प्रेरित किया है। धर्म सभा की जगह सरकार की गाइडलाइंस अनुसार प्रार्थना सभा जारी है। सभी गुरुजनों से यही आशीर्वाद मांग रहे है, महामारी से मुक्ति मिले। जैन समुदाय का सबसे बड़ा पर्व पर्यूषण 15 अगस्त से आरंभ हो रहा है। इसे लेकर संतजनों की गाइडलाइंस अनुसार ही कार्य होंगे। महेंद्र पाल जैन, हजारी लाल जैन, विनोद जैन ने कहा कि इस बार कोरोना से पूरा सिस्टम बदल गया। जैन धर्म में चातुर्मास का बड़ा महत्व है। संतजन वाणी से सभी को कृतार्थ करते हैं। इस बार महामारी के कारण बड़े-बडे़ धार्मिक आयोजन नहीं किए जा रहे। संतजनों ने यही फरमाना है कि घरों में बैठकर ही प्रार्थना, जप, तप व मंगलाचारण करें, ताकि हम सभी सुरक्षित रह सकें।
नियमों की पालना से करें धर्म-कर्म
दविदर अग्रवाल, नितिन जैन, संजीव जैन ने कहा कि पर्यूषण मेले में सभी श्रावक श्राविकाओं को सरकार की गाइडलाइंस अनुसार ही कार्य करने चाहिए। पर्यूषण बहुत बड़ा उत्सव है, लेकिन संतजनों के आदेशानुसार घरों में तपस्या, स्वाध्याय व पाठ करें। अगर जैन स्थानकों में श्रावकों की भीड़ होगी, तो वायरस हमें परेशानियों से ग्रसित कर देगा।
जरूरी काम पर ही निकलें घर से बाहर
गिरधारी लाल जैन, नीरज जैन (नव-पंकज), अशोक जैन (हाईलैंड), अशोक जैन (एसटीएफ) ने कहा कि पंजाब में कोरोना के मरीजों के बढ़ने के साथ माहौल बिगड़ रहा है। इसका एकमात्र बचाव यही है, अगर जरूरी काम है, तब ही घर से निकले, वह भी मास्क, सैनिटाइजर व शारीरिक दूरी का विशेष ख्याल रखकर। इस भयावह महामारी से बचना फिलहाल मुश्किल है, कारण अभी तक कोई इलाज ना होना है।