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कॉमर्शियल उपभोक्ताओं के फिक्स चार्जेज माफ करने की वकालत

लुधियाना कोरोना महामारी से निपटने के लिए सूबा सरकार ने उद्योगों के लिए बिजली के फिक्स चार्जेज दो माह के लिए माफ करने का ऐलान किया है। इससे जहां उद्योग जगत को राहत मिली है वहीं सूबे में कमर्शियल एवं स्मॉल पावर उपभोक्ताओं को राहत नहीं दी गई है। इससे उनमें नाराजगी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Apr 2020 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 06:09 AM (IST)
कॉमर्शियल उपभोक्ताओं के फिक्स चार्जेज माफ करने की वकालत
कॉमर्शियल उपभोक्ताओं के फिक्स चार्जेज माफ करने की वकालत

जागरण संवाददाता, लुधियाना

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कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने उद्योगों के लिए बिजली के फिक्स चार्जेज दो माह के लिए माफ करने का एलान किया है। इससे जहां एक ओर बड़े उद्योगों को राहत मिली है, वहीं सूबे में कॉमर्शियल एवं स्मॉल पावर उपभोक्ताओं को राहत नहीं दी गई है। इससे उनमें नाराजगी है। उनका तर्क है कि सूबे में क‌र्फ्यू के कारण सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं और कामकाज पूरी तरह से ठप है। इस सेक्टर को भी जबरदस्त आर्थिक नुकसान हो रहा है।

इस बारे में पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल ने सरकार से मांग की है कि कॉमर्शियल एवं स्मॉल पावर उपभोक्ताओं के भी फिक्स चार्जेज दो माह के लिए माफ किए जाएं। पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश सचिव महेंद्र अग्रवाल के अनुसार सूबे में करीब सात लाख दुकानें, शोरूम, मॉल्स, होटल एवं रेस्टोरेंट के पास बिजली कनेक्शन हैं। उनके सालाना फिक्स चार्जेज करीब 290 करोड़ रुपये हैं। दो माह के चार्जेज माफ करने से सरकार पर केवल 50 करोड़ रुपये का ही बोझ पड़ेगा, लेकिन इससे कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी।

इसी तरह सूबे में 95 हजार स्मॉल पावर कनेक्शन हैं। उनके फिक्स चार्जेज 85 करोड़ रुपये सालाना हैं। दो माह की राहत देकर सरकार पर केवल 14 करोड़ का बोझ पड़ेगा। अग्रवाल ने कहा कि क‌र्फ्यू के दौरान कारोबारियों को भी रोजाना घाटा हो रहा है। कामकाज पूरी तरह से ठप है। जेब से वर्करों को वेतन भी देना पड़ रहा है। ऐसे में बिजली के चार्जेज में माफी से काफी राहत मिल सकती है।

अग्रवाल ने सरकार से यह मांग भी की है कि वैट रिफंड एवं स्टेट जीएसटी रिफंड की बकाया राशि का भुगतान भी तत्परता के साथ किया जाए। इससे भी कारोबारियों को काफी राहत मिलेगी, उनके हाथ में रकम आएगी और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। आयकर विभाग ने पांच लाख रुपये तक के रिफंड जारी कर दिए हैं। उसी तर्ज पर प्रदेश सरकार भी उद्योग व्यापार जगत को रिफंड का भुगतान करे।


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