साइकिल उद्योग बूस्ट करने को सरकार बनाए विशेष नीति
साइकिल एवं पार्ट्स उत्पादन में भारत का विश्व में दूसरा व निर्यात में 25वां स्थान है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : ऑल इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड फोरम का दावा है कि साइकिल एवं पार्ट्स उत्पादन में भारत का विश्व में दूसरा व निर्यात में 25वां स्थान है। निर्यात को प्रोत्साहित करने और घरेलू बाजार में साइकिल को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार को इस उद्योग को बूस्ट करने के लिए विशेष नीति बनानी होगी। जिसके तहत इस सेक्टर की अपग्रेडेशन के लिए तकनीकी सहयोग देना होगा। सस्ते आयात को नियंत्रित करना होगा। सरकारी रिफंड समयबद्ध तरीके से देने होंगे। सस्ते लोन का इंतजाम करना होगा। साथ ही शहरों में साइकिल ट्रैक का इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना होगा। आत्मनिर्भर भारत के तहत यहां के उद्योग को प्रोत्साहित करना होगा। इस संबंध में फोरम के प्रेसिडेंट बदीश जिदल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पूरे तर्कों के साथ साइकिल एवं पार्ट्स उद्योग की तरफ ध्यान देने की वकालत की है।
बदीश ने पत्र में लिखा है कि साइकिल के निर्यात में भारत की स्थिति बेहतर नहीं है। भारत से ज्यादा साइकिल एवं पार्ट्स का निर्यात कंबोडिया करता है। साइकिल एवं पार्ट्स के निर्माण एवं निर्यात में चीन विश्व में नंबर वन है। फोरम का तर्क है कि देश की 70 फीसद आबादी ग्रामीण इलाके में रहती है, वहां पर साइकिल काफी महत्वपूर्ण हो सकती है। आंकड़े बताते हैं कि चीन के 97 फीसद घरों में और भारत के केवल 45 फीसद यानि 11 करोड़ घरों में साइकिल है। कारण साफ है कि यहां लोग आर्थिक तौर पर कमजोर हैं और उनके लिए साइकिल खरीदना भी मुश्किल है।
यह भी हकीकत है कि 70 साल पुरानी साइकिल इंडस्ट्री केवल 16 मिलियन साइकिल ही बना पा रही है। जबकि दो पहिया ऑटोमोबाइल वाहनों की बिक्री 22 मिलियन से अधिक है। इस गैप का कारण है कि बैंक फाइनांस के कारण मोटरसाइकिल खरीदना आसान है। पिछले कुछ सालों से देश के विभिन्न राज्य स्कूली विद्यार्थियों के लिए साइकिल की खरीद कर रहे हैं। इससे अप्रत्यक्ष तौर पर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में शिक्षा का भी विस्तार हो रहा है। ग्रामीण इलाकों में वर्कर आज भी सार्वजनिक परिवहन के जरिए अपने काम पर पहुंचते हैं। ऐसे में साइकिल उनके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। साइकिल को इस दिशा में प्रोमोट करने की जरूरत है, ऐसे में सरकार को ग्रामीण लोगों के लिए विशेष सब्सिडी एवं माइक्रो फाइनांस स्कीम लानी होगी। ताकि ग्रामीण इलाकों में साइकिल की बिक्री को बूस्ट किया जा सके।