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बुरे के बाद अच्छे दिन भी आते हैं : वेद भारती

साधु आश्रम शिवपुरी में महामंडलेश्वर स्वामी वेद भारती की अध्यक्षता में सादगीपूर्वक संक्रांति उत्सव मनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 12:46 AM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 12:46 AM (IST)
बुरे के बाद अच्छे दिन भी आते हैं : वेद भारती
बुरे के बाद अच्छे दिन भी आते हैं : वेद भारती

संस, लुधियाना : साधु आश्रम शिवपुरी में महामंडलेश्वर स्वामी वेद भारती की अध्यक्षता में सादगीपूर्वक संक्रांति उत्सव मनाया गया। इस दौरान सर्वप्रथम भक्तों ने स्वामी से आशीर्वाद लेकर कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए कामना की। इसके बाद स्वामी वेद भारती ने कहा कि प्रभु के श्री चरणों में ही समस्याओं का हल है। इसलिए दुख व सुख पर हमेशा भगवान की भक्ति से जुड़े रहें। वहीं कोरोना जैसी त्रसादी हमें कुछ न कुछ सिखाने का प्रयास कर रही है। बुरे के साथ अच्छा दिन भी आता है, इसलिए जीवन को सार्थक बनाने के लिए सत्संग से जुड़ना अनिवार्य है। आगे कहा कि राशि के साथ समय भी बदलता है, इसलिए जल्द सब कुछ ठीक हो जाएगा।

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तर्पण : बड़ों की सेवा करना ही पितृपक्ष में जल अर्पित करने का लाभ पिता रूप सिंह आहलुवालिया वकील थे और लोगों को न्याय दिलाने के लिए हमेशा तत्पर रहे। माता अमरजीत कौर गुरबाणी में दर्शाए मार्ग को अपनाने में जीवन की सार्थकता मानती थी। पिता ने सिखाया कि सत्य और विश्वास के धर्म की गाथा करने वाले हमेशा सम्मानजनक जीवन व्यतीत करते हैं। युवा पीढ़ी पितृ पक्ष में पूर्वजों का तो श्राद्ध कर उनके प्रति श्रद्धाभाव दिखाती हा मगर घर में मौजूद माता-पिता व बड़े बुजुर्गो की सेवा करने में लापरवाह हैं। युवाओं को चाहिए कि माता-पिता की हमेशा सेवा व आदर करें ताकि उनके मार्ग पर चलकर समाज में सच्चे सेवक बन सके। धरती पर साक्षात मौजूद माता-पिता व बुजुर्गो की सेवा करना ही पितृपक्ष में जल अर्पित करने का लाभ है।

- सोनी वालिया, सुरजीत एन्कलेव, जस्सियां रोड, लुधियाना


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