लुधियाना में जीएनडीईसी ने पर्यावरण पर वास्तुकला का प्रभाव विषय पर वेबिनार करवाया, 300 से अधिक प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा
लुधियाना में गुरु नानक देव इंजीनियरिंग कालेज व एसोचैम जैम ने संयुक्त रूप से वेबिनार का आयोजन किया। करतारपुर कारिडोर का डिजाइन तैयार करने वाले आर्किटेक्ट चरनजीत सिंह शाह भी इस वर्चुअल बैठक का हिस्सा बने। वेबिनार में साढ़े तीन सौ प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
लुधियाना, जेएनएन। गुरु नानक देव इंजीनियरिंग कालेज (जीएनडीईसी) की तकनीकी गतिविधि समिति और एसोचैम जैम ने संयुक्त रूप से पर्यावरण पर वास्तुकला का प्रभाव विषय पर वेबिनार का आयोजन किया। एसोचैम जैम की शुभ्रता कुमार ने कहा कि हम उस युग में जीवन व्यतीत कर रहे हैं जिसमें वातावरण बहुत अस्पष्ट हो गया है और हमें इसे सुधारने के लिए बहुत संवेदनशील रूप से सोचना होगा। करतारपुर कारिडोर का डिजाइन तैयार करने वाले आर्किटेक्ट चरनजीत सिंह शाह भी इस वर्चुअल बैठक का हिस्सा बने। उन्होंने कहा कि पश्चिमी डिजाइन की नकल कर कांच का इस्तेमाल कर इमारतों का निर्माण करना कोई लाभकारी बात नहीं है बल्कि हमें पर्यावरण के प्रति संवेदनशील वास्तुकला को डिजाइन करना चाहिए।
जीएनडीईसी के एनर्जी आडिटर डा. अरविंद ढींगरा ने कहा कि मुगल काल में भी सभी निर्माण पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए किए जाते थे। कालेज प्रिंसिपल डा. सहजपाल सिंह ने कालेज ने एसोचैम जैम के साथ जो एमओयू साइन किया है, उसी के तहत नान कंवेंशनल ऊर्जा संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने छात्रों को ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया ताकि छात्र विशेषज्ञों से नई तकनीक के बारे में अधिक जान सकें। वेबिनार में साढ़े तीन सौ प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
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