Move to Jagran APP

छह साल की बच्ची के पेट में दर्द हुआ तो कारण जान डॉक्टर भी रह गए हैरान

बच्ची गुरजोत कौर के पेट में अचानक दर्द होने लगा। परिजन उसे डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने उसकी जांच की तो पेट में गुच्छानुमा कुछ चीज दिखी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 02:24 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 04:53 PM (IST)
छह साल की बच्ची के पेट में दर्द हुआ तो कारण जान डॉक्टर भी रह गए हैरान
छह साल की बच्ची के पेट में दर्द हुआ तो कारण जान डॉक्टर भी रह गए हैरान

जेएनएन, लुधियाना। गांव दाद निवासी छह साल की बच्ची गुरजोत कौर के पेट में अचानक दर्द होने लगा। परिजन उसे डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने उसकी जांच की तो पेट में गुच्छानुमा कुछ चीज दिखी। भूख नहीं लगने पर उसका वजन भी केवल 14 किलो रह गया था।

loksabha election banner

पक्खोवाल रोड स्थित अनमोल अस्पताल में सर्जन डॉ. दलजीत ने उसका अल्ट्रासाउंड किया तो पता चला कि पेट में गोले के आकार का कुछ है। मगर इससे स्थिति स्पष्ट नहीं हुई। फिर बच्ची की इंडोस्कॉपी कराई गई, जिसमें पता चला कि पेट की छोटी आंत में जिगर के पास बालों का गुच्छा है। यह देख सर्जन डॉ. दलजीत सिंह ने टीम के साथ उसका ऑपरेशन करने का निर्णय लिया।

4 सितंबर को ऑपरेशन करने लगे तो वह पेट की छोटी आंत में फंसी करीब एक मीटर लंबी बालों की चोटी देखकर हैरान रह गए। यह चोटी सांप की तरह बनी हुई थी। बच्ची के पेट से डॉक्टरों ने बालों की चोटी निकाली। बच्ची को बाल खाने की आदत थी। ऑपरेशन के बाद बच्ची नॉर्मल है और उसे अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है।

मां-बाप रखें बच्चों का खास ध्यान

अगर कोई बच्चा अपने ही बाल या कोई असाधारण चीज खा रहा हो तो उसे अनदेखा नहीं करना चाहिए, बल्कि उसे तुरंत किसी साइकेट्रिस्ट से उसकी काउंसलिंग करानी चाहिए। यह आदत कोई बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है। अगर बच्चों के पेट में गोले जैसा कुछ महसूस हो तो तुरंत किसी सर्जन को दिखाना चाहिए।

बाल खाने की आदत को रेपुंजल सिंड्रोम कहते हैं : डॉ. दलजीत

डॉ. दलजीत के मुताबिक जो बच्चा खुद को अकेला महसूस करता है या जिनकी घर में अनदेखी होती है तो वे अपने ही बालों को नोचकर खाने लगते हैं। इसे रेपुंजल सिंड्रोम कहा जाता है। सामान्य स्थिति में बाल खाने पर इसे ट्राइकोबेजुआर नामक बीमारी कहा जाता है। सदमा, उत्पीड़न या बचपन में हुई कुछ घटनाओं का मन पर पड़ा गहरा असर पड़ने से यह सिंड्रोम पैदा होता है।

बाल हमारे पेट में पचते नहीं हैं। थोड़े बहुत छोटे बाल हमारे मल के साथ बाहर भी निकल सकते हैं, लेकिन बड़े बाल बाहर नहीं आते। जैसे-जैसे बालों के इस गोले का साइज बढ़ता है, पेट दर्द और बदहजमी जैसी दिक्कतें पैदा होने लगती हैं। पूरे विश्व में इस तरह के अब तक 40 केस ही हुए हैं, जिनमें से चार व्हीट एलर्जी के हैं। यह बच्ची भी व्हीट एलर्जी से पीड़ित है।

ऑपरेशन के बाद साइकेट्रिस्ट से इलाज कराना जरूरी

ऑपरेशन के बाद ऐसे बच्चों का इलाज साइकेट्रिस्ट से कराना जरूरी है। क्योंकि अगर वह किसी मानसिक रोग से पीड़ित हैं तो सर्जरी के बाद फिर से बाल खाना शुरू कर सकते हैं। साइकेट्रिस्ट से इलाज कराने पर बच्चा इस आदत को छोड़ देता है।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.