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एक्सपर्ट की राय: कोरोना के लक्षण महसूस होते ही टेस्टिंग करवाएं, छिपाने पर खतरे में न डालें जान

जागरूकता से ही काेराेना वायरस से बचा जा सकता है। यह कहना है शहर के चिकित्सकों का। जिला प्रशासन के फेसबुक पर लाइव होकर कोरोना वायरस के खतरों व बचाव के उन्हाेंने जानकारी दी।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 12:53 PM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 12:53 PM (IST)
एक्सपर्ट की राय: कोरोना के लक्षण महसूस होते ही टेस्टिंग करवाएं, छिपाने पर खतरे में न डालें जान
एक्सपर्ट की राय: कोरोना के लक्षण महसूस होते ही टेस्टिंग करवाएं, छिपाने पर खतरे में न डालें जान

लुधियाना, जेएनएन। कोरोना वायरस के लक्षण महसूस होने पर तुरंत टेस्टिंग करवानी चाहिए, न कि बीमारी को छिपाकर रखना चाहिए। समय पर टेस्टिंग करवाकर ट्रीटमेंट से इस बीमारी को मात दी जा सकती है। मरीज गंभीर स्थिति में तब पहुंचते है, जब वह बीमारी को छिपाकर उसे अंदर ही अंदर पालते रहते है। एक छोटी सी लापरवाही जिंदगी पर भारी पड़ जाती है।

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यह कहना है कोविड एक्सपर्ट डॉक्टर्स का। शुक्रवार को शहर के  चिकित्सकों ने जिला प्रशासन के फेसबुक पर लाइव होकर कोरोना वायरस के खतरों व बचाव के प्रति जानकारी दी। जिसमेें हीरो डीएमसी हार्ट इंस्टीटयूट के विशेषज्ञ डॉ. बिश्व मोहन ने कहा कि देखने में आया है कि लोगों को खांसी, जुकाम, बुखार, नाक बहना, आंखों से पानी आना, स्वाद न आने जैसे लक्षण महसूस होते हैं, लेकिन वे उसे हल्के में लेते हैं और टेङ्क्षस्टग नहीं करवाते। घर पर ही सेल्फ मेडिकेशन करते रहते हैं।

इसकी वजह से बीमारी बढ़ जाती और मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच जाते हैं। ऐसे मेें लोगो से यही अपील है कि जब भी किसी को लक्षण महसूस होने पर जांच करवाएं। दूसरा अगर किसी को यह पता लगे कि वह किसी पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आया है, तो उसे भी कोरोना वायरस की जांच जरूर करवानी चाहिए। क्योंकि संक्रमित व्यकित के संपर्क में आकर दूसरा व्यकित भी संक्रमित हो सकता है।

समय पर नहीं अाते कई मरीज

सिविल अस्पताल की एसएमओ डॉ. हतिंदर कौर ने कहा कि रूटीन में हम अपने सिविल अस्पताल में देखते है कि मरीज हमारे पास समय पर नहीं आता। हमारे पास मरीज तब पहुंचता है, जब उसकी ऑक्सीजन काफी कम हो चुकी होती है और सांस फूलने लगती है। इसकी वजह यह है कि मरीज बीमारी को कई दिनों से अनदेखा करता हुआ आ रहा होता है। लक्षण छिपाने के पीछे मरीज बताते है कि उन्हें डर होता है कि सेहत विभाग की टीम उनहें उठाकर ले जाएगी। जबकि ऐसा नहीं है।

सरकारी की ओर से नई गाइडलाइन जारी

अब सरकारी की ओर से नई गाइडलाइन आ चुकी है। जिसके तहत अगर पॉजिटिव मरीज में कोई लक्ष्ण नहीं है तो वह होम आइसोलेशन ले सकता है। डॉ. हतिंदर ने कहा कि लोगों से अपील है कि वह कोरोना से डरे नहीं बलिक इसका सामने आकर मुकाबला करें। हम डर कर, बीमारी को छिपाकर दूसरों के लिए भी खतरा पैदा करते हैं। फेसबुक लाइव सेशन के दौरान अन्य एक्सपर्ट ने भी लोगों को जानकारी दी।

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