पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के पूर्व उप कुलपति डॉ. खेम सिंह गिल का निधन Ludhiana News
डॉ. खेम सिंह गिल का ग्रीन रेवॉल्यूशन में विशेष योगदान रहा है। उन्होंने गेहूं की नई किस्मों की खोज की। वर्ष 1992 में उन्हें प्रतिष्ठित सम्मान पद्म भूषण से नवाजा गया।
लुधियाना, जेएनएन। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर डॉ. खेम सिंह गिल का मंगलवार सुबह निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। उनका संस्कार वीरवार को किया जाएगा। उनके निधन पर पीएयू के वाइस चांसलर डॉ. बलदेव सिंह ढिल्लों, पूर्व वाइस चांसलर डा. मनजीत सिंह कंग सहित वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने गहरा दुख जताया है। पीएयू में शोक सभा भी आयोजित की गई।
1 सितंबर वर्ष 1930 में गांव कालेको जिला मोगा के साधारण परिवार में जन्मे डॉ. खेम सिंह गिल का ग्रीन रेवॉल्यूशन में विशेष योगदान रहा है। उन्होंने गेहूं की नई किस्मों की खोज की। डॉ. खेम सिंह ने कृषि शोध के क्षेत्र में विभिन्न फसलें जैसे गेहूं, जौं, बाजरा, अलसी की तीन से अधिक नई किस्में विकसित की। इनमें सबसे अधिक गेहूं की 17 किस्में दी। कृषि शोध के क्षेत्र में उनके दिए गए योगदान के लिए वर्ष 1992 में उन्हें प्रतिष्ठित सम्मान पद्म भूषण से नवाजा गया। इसके अलावा वह रफी अहमद किदवई अवॉर्ड भी प्राप्त कर चुके थे।
देश-विदेश में बनाई एक अलग पहचान
डॉ. खेम सिंह गिल ने खेतीबाड़ी के विभिन्न विषयों पर 300 से अधिक खोज पत्र व दर्जनों किताबों के लेखक व संपादक के तौर पर देश-विदेश में अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के तौर पर डॉ. गिल ने कई नए विभाग स्थापित किए। उन्होंने यूनिवर्सिटी के गेट के नजदीक किसान सेवा केंद्र बनाया, ताकि किसानों को सारी सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिल सकें।
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