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अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति को भाया किसान और विज्ञान का मेल, तारीफों के बांधे पुल

अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति वीरवार से शुरू हुए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के किसान मेले और गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के पशु पालन मेले में बतौर विशेष अतिथि शामिल हुए। इस दौरान वह राज्यपाल और उपकुलपतियों के साथ बात करते हुए सुनाई दिए कि 'खेती की भलाई के लिए किसान और विज्ञान में इसी तरह का मेल होना चाहिए और यह मेल इसी तरह के मेलों से ही होता है'।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 09:00 AM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 09:00 AM (IST)
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति को भाया किसान और विज्ञान का मेल, तारीफों के बांधे पुल
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति को भाया किसान और विज्ञान का मेल, तारीफों के बांधे पुल

जागरण संवाददाता, लुधियाना : अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति वीरवार से शुरू हुए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के किसान मेले और गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के पशु पालन मेले में बतौर विशेष अतिथि शामिल हुए। इस दौरान वह राज्यपाल और उपकुलपतियों के साथ बात करते हुए सुनाई दिए कि 'खेती की भलाई के लिए किसान और विज्ञान में इसी तरह का मेल होना चाहिए और यह मेल इसी तरह के मेलों से ही होता है'। पूर्व राष्ट्रपति सुबह ग्यारह बजे से लेकर बारह बजे तक किसान मेला व पशु पालन मेला देखने के लिए धूप व गर्मी की परवाह किए बगैर फील्ड में रहे। उन्होंने किसान मेला ग्राउंड में जहां सोनालिका के स्टाल पर प्रदर्शित मिनी टै्रक्टर को चलाया, वहीं कैंपस में अलग अलग जगहों पर लगी प्रदर्शनियों को देखा। खासकर, पीएयू की ओर से तैयार की गई विभिन्न मशीनरी व धान, गन्ने की अलग-अलग वैरायटी की फसलों को खेतों में लहलहाते हुए देखकर काफी प्रभावित हुए और सभी के बारे में एक-एक जानकारी हासिल की। इसके बाद जब वह ओपन एयर थिएटर में पहुंचे तो वहां पर किसानों की भीड़ देखकर काफी प्रभावित हुए और यह तक कह दिया कि 'मैंने किसी मेले में किसानों की इतनी भीड़ नहीं देखी'। इस वक्त उनके साथ पीएयू के वीसी डॉ. बलदेव सिंह ढिल्लों, गुरु अंगद देव वेटरनरी यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. अमरजीत सिंह नंदा, फार्मर कमीशन पंजाब के चेयरमैन अजय वीर जाखड़, पीएयू प्रबंधकीय बोर्ड के मेंबर डॉ. सतबीर सिंह गोसल, निर्देशक शिक्षा प्रसार डॉ. जसकरण सिंह मौजूद रहे। इस बार जाम न होने से पीएयू में किसानों ने मेले का आंनद लिया

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फिरोजपुर रोड पर चल रहे पुल निर्माण के चलते किसान व पशु पालन मेले में किसानों को परेशानी न आए, इसे लेकर टै्रफिक पुलिस व दोनों यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के सुझावों से टै्रफिक का रूट डायवर्ट किया गया था। मेले में किसानों की एंट्री पांच नंबर गेट व आठ नंबर गेट से हुई, जिसकी वजह से किसानों के वाहन मेले से काफी दूर रहे। वाहनों की भीड़ न होने की वजह से किसान कैंपस में टहलते हुए दिखाई दिए। हालांकि इस बार पिछले साल के सितंबर मेले की तुलना में इस बार मेले के पहले दिन किसानों की भीड़ कम दिखी। मेले के आयोजकों नेकिसानों के कम संख्या में आने की वजह पंचायत चुनाव व मेले के तीन दिन का होने को बताया। आयोजकों का कहना था कि शुक्रवार व शनिवार को मेले में किसानों की भीड़ उमड़ने की संभावना है।

अफगान स्टूडेंट्स से पूछा पढ़ाई ठीक चल रही है न

हामिद करजई पीएयू में बीएससी, एमएसी व पीएचडी कर रहे अफगानिस्तान के स्टूडेंट से भी मिले। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने अफगानिस्तान में पानी के गिरते स्तर पर चिंता जताई और कहा कि पीएयू से तालीम हासिल करने के बाद अपने देश में आकर पानी बचाने को लेकर भी काम करें। उन्होंने स्टूडेंट्स से पीएयू की पढ़ाई के बारे में भी जानकारी हासिल की।

तो गायक सुखी का पंजाबी गीत सुन वापस लौटे

पूर्व राष्ट्रपति जब ओपन एयर थिएटर में भाषण समाप्त करके जाने लगे तो उसी दौरान पंजाबी गायक सुखविंदर सुखी ने जैसे ही गीत 'मेले लगदे रहण सदा खुशियां दे.' गाना शुरू किया, तो वह गाने के बोल सुनकर स्टेज पर वापस लौटे। पांच मिनट तक राज्यपाल, दोनों यूनिवर्सिटी के वीसी के साथ गीत सुना और फिर गए। मिल्क केक व मसाला पनीर का स्वाद चखा

पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई जब पशु पालन मेले में पहुंचे, तो वहां वह विभिन्न स्टालों पर गए। जब वह डेयरी साइंस कॉलेज के स्टाल पर पहुंचे तो वहां उन्होंने मसाला पनीर व मिल्क केक खाकर देखा। जिसकी उन्होंने खूब तारीफ की। पूर्व राष्ट्रपति के बारे में कहा जाता है कि वह बहुत कम ही इस तरह बाहर कभी खाते हैं। गांव चट्ठा ननहेड़ा को मिला राज्यपाल सर्वोत्तम गाव पुरस्कार

मेले के दौरान संगरूर जिले के गांव चट्ठा ननहेड़ा को राज्यपाल सर्वोत्तम गांव का अवार्ड मिला। यह सम्मान पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. मनदीप सिंह व गांव के सरपंच गुरप्यार सिंह को दिया। गांव को यह अवार्ड बेहतर कार्यो के लिए दिया गया।

अधिक पैदावार की नहीं, मुनाफे की जरूरत: जाखड़

पंजाब राज्य कमीशन के चेयरमैन अजयवीर जाखड़ ने कहा कि जिस तरह से पंजाब में जल स्तर तेजी से नीचे गिर रहा है, वह चिंता का विषय है। किसानों को पानी का प्रयोग सोच समझ कर करना चाहिए। क्योंकि पानी नहीं होगा तो भविष्य में खेती भी नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि अब पैदावार बढ़ाने की जगह अपना मुनाफा बढ़ाने की जरूरत है। पौष्टिकता बढ़ाने पर बल देना होगा। अगर हम अच्छा अनाज पैदा करेंगे तो दूसरे देशों में भेज सकते हैं। इस दौरान उन्होंने अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति से कहा कि यदि उनका देश सहयोग दें, तो भारत दूसरे देशों से आसानी से व्यापार कर सकता है। हम चाहेंगे कि व्यापार को लेकर अफगानिस्तान व भारत के बीच में नए रास्ते खुले। क्योंकि यदि अफगानिस्तान भारत को व्यापार के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल करने देता है, तो इससे दोनों देशों को फायदा होगा। वहीं दूसरी तरफ पराली के मसले पर जाखड़ ने कहा कि पंजाब सरकार ने पराली प्रबंधन में सबसे बेहतर सुझाव देने वाले के लिए एक मिलियन डॉलर इनाम की घोषणा की है। जो कोई भी पंद्रह दिन के भीतर पराली को गला कर मिट्टी में मिलाने का सुझाव देगा, उसे यह इनाम दिए जाएगा। उन्होंने कहा कि वह कुछ समय पहले बर्लिन में गए थे। जहां एक कंपनी ने पराली को बैक्टीरियां से ट्रीट करने का सुझाव दिया। जिस पर अब काम हो रहा है।

किसान पराली न जलाएं, क्योंकि अब विकल्प बहुत है: राज्यपाल

पीएयू के ओपन एयर थिएटर में किसानों को संबोधित करते हुए राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर ने कहा कि राजस्थान ने पंजाब के किसानों से बहुत कुछ सीखा है। राजस्थान की खेती व पर्यावरण पंजाब की बदौलत है, लेकिन जब पंजाब के किसान पराली को जलाते हैं तो बड़ी तकलीफ होती है। इसमें किसानों की गलती भी नहीं है। क्योंकि पहले पराली को संभालने के ऑप्शन नहीं थे, लेकिन अब नरेन्द्र मोदी सरकार ने किसानों को पराली प्रबंधन के विकल्प उपलब्ध करवाने के लिए कई प्रयास किए है। जिसके तहत 1165 करोड़ की सब्सिडी दी है। अकेले पंजाब को इस साल करीब चार सौ करोड़ रूपये की सब्सिडी दी जा ही है। जिससे कि किसान पराली के प्रबंधन से संबंधित मशीनरी खरीद सके। राज्यपाल ने कहा कि उनकी किसानों से अपील है कि वह इस साल पराली न जलाएं।


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