Ayushman Bharat Scheme में फर्जीवाड़ा; State Health Agency हरकत में, रद कर रही कार्ड, जांच टीमें गठित
Ayushman Bharat Scheme में फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद कार्ड बनाने वाली स्टेट हेल्थ एजेंसी भी हरकत में आ गई है।
फतेहगढ़ साहिब [धरमिंदर सिंह]। Ayushman Bharat Scheme में फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद कार्ड बनाने वाली स्टेट हेल्थ एजेंसी भी हरकत में आ गई है। एजेंसी ने प्रदेशभर में बने कार्डों की जांच के लिए टीमों का गठन किया है। साथ ही अब तक सामने आए फर्जी कार्ड भी रद करने शुरू कर दिए हैैं। उल्लेखनीय है कि दैनिक जागरण ने शुक्रवार के अंक में फतेहगढ़ साहिब में इस योजना के तहत बड़े पैमाने पर जाली कार्ड बने होने का मामला उजागर किया था।
जिले में शुक्रवार को 15 कार्ड रद किए गए। इस मामले में क्षेत्र के दो पार्षदों के नाम भी सामने आए हैं, जिन्होंने वोट बैंक की खातिर अपने वार्डों में कार्ड बनवाए। सूत्रों के अनुसार जांच में सामने आया है कि 50 फीसद फर्जी कार्ड एक पार्षद के कार्यालय में बने। फर्जीवाड़ा सामने आने पर अब सियासी लोग अपने बचाव में जुट गए हैं।
जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. जगदीश ने भी अपनी जांच में कई कार्ड फर्जी पाए जाने की बात की है। उन्होंने डिप्टी कमिश्नर अमृत कौर गिल को रिपोर्ट भेजी है। डिप्टी कमिश्नर का कहना है कि जांच रिपोर्ट देखकर अगली कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी अमनीत कौंडल ने कहा कि पुलिस भी अपने स्तर पर जांच कर रही है।
एजेंसी मैनेजर ने कहा, प्रदेशभर के कार्ड जांचे जाएंगे
स्टेट हेल्थ एजेंसी का कहना है कि उसके पास फतेहगढ़ साहिब से ही इस तरह का मामला सामने आया है। फतेहगढ़ साहिब के जिला को-ऑर्डिनेटर दीपक को चंडीगढ़ बुलाकर हिदायतें दी गई हैैं। एजेंसी के मैनेजर डॉ. संजीव जैन ने बताया कि प्रदेशभर में कार्डों की जांच की जा रही है। किस आइडी पर कितने कार्ड बनाए गए, इसका पता करवाया जा रहा है। सिस्टम में जो खामियां हैं वे दूर की जाएंगी। जितने भी फर्जी कार्ड बने हैं, वे बेकार हो जाएंगे।
अक्टूबर में 80 हजार पेंडेंसी में निकले फर्जी कार्ड
सूत्रों के अनुसार पंजाब में योजना लागू होने पर कार्ड बनाने की होड़ लग गई थी। जो भी कार्ड बनते थे, उन्हें एजेंसी की टीमें अपने स्तर पर वेरीफाई करती थीं और फिर कार्ड को एक्टिव किया जाता था। अक्टूबर में पंजाब में करीब 80 हजार कार्डों की पेंडेंसी होने पर इनकी वेरीफिकेशन में दिक्कत आई। कुछ हजार कार्ड बिना वेरीफिकेशन जारी कर दिए गए। उन्हीं कार्डों में अब लोगों को दिक्कतें आ रही हैं जो फर्जी निकले हैं। अब एजेंसी ने कहा है कि कोई भी कार्ड बिना वेरीफिकेशन निकला तो को-ऑर्डिनेटर जिम्मेदार होगा।
इलाज के लिए भटक रहे मरीज
आयुष्मान योजना के कार्डों में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं। शुक्रवार को सरहिंद के डिफेंस बांध रोड पर रहने वाले हरी सिंह को इंडेस अस्पताल में डायलिसिस करवाना था, लेकिन उनका कार्ड नहीं चला। पत्नी भूपिंदर कौर कार्ड लेकर काफी समय इधर-उधर भटकती रहीं। सिविल अस्पताल से जवाब मिला कि कार्ड फर्जी है। बाद में मजबूरन किसी तरह पैसों का इंतजाम कर पति का डायलिसिस करवाया।
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