गोबिंद ज्वेलर्स लूट मामले में पांच लोग गिरफ्तार, एक किलो सोना व चार किलो चांदी बरामद
डीसीपी ढींढसा ने बताया कि कमलप्रीत के पिता जगवीर सिंह के ज्वेलर दविंदर सिंह के साथ कारोबारी संबंध थे। जिसके चलते कमलप्रीत को दविंदर सिंह की दुकान पड़े जेवरों के बारे में जानकारी थी
लुधियाना, जेएनएन। गिल रोड की सुपर मार्केट में गोबिंद ज्वेलर्स के यहां हुई लूट मामले में पुलिस ने तीन लुटेरों व उनके दो सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से 1050 ग्राम सोना, चार किलो चांदी, 315 बोर का देसी कट्टा, पांच जिंदा कारतूस, मोटरसाइकिल व दात बरामद किया गया। आरोपितों को शनिवार अदालत में पेश किया गया। जहां रिमांड हासिल करके कड़ी पूछताछ की जा रही है।
डीसीपी सिमरतपाल सिंह ढींढसा ने बताया कि आरोपितों की पहचान लोहारा के गुरबचन नगर निवासी सुमित संधू, दुगरी एलआईजी फ्लैट निवासी कमलप्री सिंह उर्फ कमल, दुगरी धांधरा रोड के चौहान नगर निवासी राहुल कंग, मुंडियां खुर्द निवासी इशांत तथा अमृतसर के गांव वेरका के पत्ती भारा निवासी राजेश कुमार उर्फ रवि उर्फ काका के रूप में हुई। कमलप्रीत उस लूट का मास्टर माइंड था।
चार मार्च को थाना डिवीजन नंबर-6 पुलिस ने एसबीएस नगर निवासी दविंदर सिंह उर्फ निक्कू की शिकायत पर केस दर्ज किया था। उसने बताया कि गिल रोड की सुपर मार्केट में गोबिंद ज्वेलर्स के नाम से उसकी दुकान है। घटना की दोपहर ढाई बजे उसकी दुकान में आए तीन नकाबपोश बदमाश लोहे का दातर तथा पिस्तौल के बल पर उसे डरा धमका कर लॉकर में पड़े ग्राहकों के जेवर लूट कर ले गए।
छानबीन के दौरान 18 मार्च को इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह ने गुप्त सूचना के आधार पर अपनी टीम के सहयोग से सुमित संधू को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके कब्जे से 203 ग्राम सोने के जेवर, 315 बाेर का एक देसी कट्टा, पांच जिंदा कारतूस तथा एक मोटरसाइकिल बरामद किया गया। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उक्त वारदात में कमलप्रीत और राहुल उसके साथ थे। वारदात के बाद सभी आरोपितों ने अपने हिस्से का सोना बांट लिया। उसे ढालने के लिए वो लोग राजेश कुमार तथा इशांत को दे दिया। इसके बाद पुलिस ने अलग-अलग टीमें बना कर चारों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके कब्जे से लूटा गया सोना तथा चांदी भी बरामद कर ली गई है।
दोस्त का बेटा ही निकला मुख्य आरोपित
डीसीपी ढींढसा ने बताया कि कमलप्रीत के पिता जगवीर सिंह के ज्वेलर दविंदर सिंह के साथ कारोबारी संबंध थे। जिसके चलते कमलप्रीत को दविंदर सिंह की दुकान पड़े जेवरों के बारे में जानकारी थी। उसी के चलते उसने अपने साथियों के साथ मिल कर हुलिया बदल वारदात को अंजाम दे दिया।