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पहले बादल से दोस्ती, अब कैप्टन से यारी, भाजपाई पूछ रहे कब आएगी हमारी बारी

पहले बादल से दोस्ती अब कैप्टन से यारी कार्यकर्ता पूछ रहे कब आएगी भाजपा की बारी। यह स्लोगन हमने नहीं बनाया बल्कि भारतीय जनता पार्टी के हलका पूर्वी के कार्यकर्ता फेसबुक पर अपलोड कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 01:44 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 01:44 AM (IST)
पहले बादल से दोस्ती, अब कैप्टन से यारी, भाजपाई पूछ रहे कब आएगी हमारी बारी
पहले बादल से दोस्ती, अब कैप्टन से यारी, भाजपाई पूछ रहे कब आएगी हमारी बारी

राजेश भट्ट, लुधियाना : 'पहले बादल से दोस्ती, अब कैप्टन से यारी, कार्यकर्ता पूछ रहे कब आएगी भाजपा की बारी।' यह स्लोगन हमने नहीं बनाया, बल्कि भारतीय जनता पार्टी के हलका पूर्वी के कार्यकर्ता फेसबुक पर अपलोड कर रहे हैं। दरअसल इन दिनों चर्चा जोरों पर है कि लुधियाना पूर्वी सीट गठबंधन में भाजपा की सहयोगी लोक कांग्रेस पार्टी को दी जा रही है और पूरी संभावना है कि यहां से जगमोहन शर्मा को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। भाजपा कार्यकर्ता इस सीट को लोक कांग्रेस पार्टी को दिए जाने का विरोध करने लगे हैं। यही नहीं, हलका पूर्वी के भाजपा नेताओं ने हाईकमान को कह दिया है कि इस सीट पर भाजपा लड़े, क्योंकि इस सीट पर भाजपा का जनाधार सबसे ज्यादा है। अहम बात ये भी है कि इस सीट से ही सबसे ज्यादा दावेदारों ने टिकट के लिए आवेदन किया है। कार्यकर्ताओं में उठी विरोध की चिगारी गठबंधन के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है। इसके अलावा हलका दक्षिण भी लोक कांग्रेस पार्टी को दिए जाने की बात चल रही है तो यहां के कार्यकर्ताओं ने दबे सुर में इसका विरोध भी शुरू कर दिया है।

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दरअसल, भाजपा का पहले शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन रहा। गठबंधन के दौरान यह सीट शुरू से अकाली दल के पास रही। गठबंधन टूटा तो कार्यकर्ताओं में आस जगी और करीब आठ से अधिक नेताओं ने टिकट के लिए दावेदारी जता दी। शुक्रवार को भाजपा ने पहली सूची जारी की और यह स्पष्ट नहीं किया कि लुधियाना पूर्वी व दक्षिणी सीट से गठबंधन की कौन सी पार्टी चुनाव लड़ेगी। कार्यकर्ताओं को सूचना मिली कि लुधियाना पूर्वी सीट लोक कांग्रेस पार्टी को दी जा रही है तो टिकट के चाहवानों से लेकर आम कार्यकर्ताओं ने बैठकें करनी शुरू कर दी। यही नहीं, इंटरनेट मीडिया पर भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपनी नाराजगी जतानी शुरू कर दी। दूसरी तरफ हलका दक्षिण की सीट भी लोक कांग्रेस पार्टी को दिए जाने की चर्चा चल रही है। इस वजह से वहां के कार्यकर्ता भी पूछ रहे हैं कि इस हलके में भाजपा को कब मौका मिलेगा। गठबंधन को हो सकता है नुकसान

भाजपा कार्यकर्ताओं में उठे विरोध से गठबंधन को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है। फेसबुक पर अपलोड की गई पोस्ट पर कार्यकर्ता अपनी प्रतिक्रया लिख रहे हैं और साफ कह रहे हैं कि किसी दूसरे दल के उम्मीदवार का सहयोग नहीं किया जाएगा। पैराशूट से आए उम्मीदवार को पैराशूट से ही वापस भेज दिया जाएगा। सबसे ज्यादा दावेदार हैं इस हलके में

लुधियाना पूर्वी हलके में भारतीय जनता पार्टी के आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया। इसमें पूर्व जिला प्रधान जतिदर मित्तल, राकेश कपूर, रविदर वर्मा, बाबी जिदल, योगेंद्र मकोल, राजेश्वरी गोसाईं, हरबंस लाल फैंटा, नवल जैन समेत कई नेता पोस्टर लगाकर अपनी दावेदारी जता चुके हैं। जगमोहन शर्मा ने 2012 में किया था नामांकन, नहीं किया प्रचार

जगमोहन शर्मा को कांग्रेस से टिकट नहीं मिली तो 2012 में उन्होंने पार्टी छोड़कर आजाद चुनाव लड़ने का फैसला किया। नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद तब कैप्टन अमरिदर सिंह ने उन्हें मना लिया और जगमोहन शर्मा ने अपना प्रचार नहीं किया। तब कांग्रेस के लिए प्रचार करना शुरू कर दिया। शर्मा को तब 159 वोट मिले थे। हलका पूर्वी में 60 फीसद से अधिक हिदू वोटर

हलका पूर्वी में हिदू वोट बैंक 60 फीसद से ज्यादा है। इसी तरह हलका दक्षिणी में भी हिदू वोटरों की तादाद काफी ज्यादा है। ऐसे में भाजपा नेता अपनी दावेदारी जता रहे हैं। अगर इन सीटों पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने लोक कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों का विरोध किया तो गठबंधन के लिए मुश्किलें पैदा हो जाएंगी।


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