पंजाब की श्री गुरु ग्रंथ साहिब वर्ल्ड यूनिवर्सिटी में आर्थिक संकट, कर्मचारियों को कई माह से नहीं मिला वेतन
यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार सह वाइस चांसलर डा. प्रितपाल सिंह कहते हैं कि लगभग 50 प्रतिशत छात्र छात्रवृत्ति योजना के तहत यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं। सरकार से बकाया राशि न मिलने से वेतन भुगतान में कठिनाई हो रही है।
नवदीप ढींगरा, फतेहगढ़ साहिब। श्री गुरु ग्रंथ साहिब वर्ल्ड यूनिवर्सिटी पर लगातार आर्थिक संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कर्मचारियों को वेतन देने में असमर्थ यूनिवर्सिटी को स्थायी कुलपति का इंतजार है। हालात ये हैं कि कर्मचारियों को कई माह से वेतन नहीं मिला है। इससे जहां कई कर्मचारी दूसरी नौकरी की तलाश में हैं, वहीं प्रशासनिक सुधारों की भी मांग की जा रही है। आर्थिक संकट का मुख्य कारण छात्रवृत्ति न मिलना है। पिछले कई वर्षो से यूनिवर्सिटी को छात्रवृत्ति नहीं मिली है, जो कि 17 करोड़ रुपये बनती है।
छात्रवृत्ति योजना के तहत पढ़ाई कर रहे पचास प्रतिशत छात्र
रजिस्ट्रार सह वाइस चांसलर डा. प्रितपाल सिंह कहते हैं कि लगभग 50 प्रतिशत छात्र छात्रवृत्ति योजना के तहत यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं। सरकार से बकाया राशि न मिलने से वेतन भुगतान में कठिनाई हो रही है। उम्मीद है कि सरकार फरवरी में छात्रवृत्ति जारी कर देगी। साथ ही, कर्मचारियों का बकाया वेतन भी दे दिया जाएगा।
वित्तीय संकट का वास्तविक समाधान खोजने की आवश्यकता
असिस्टेंट प्रोफेसर डा. पंकजप्रीत सिंह कहते हैं कि वित्तीय संकट का वास्तविक समाधान खोजने की आवश्यकता है। यूनिवर्सिटी प्रशासन को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। कुछ महीनों से वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों को गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है।
वर्ष 2011 में शुरू हुई थी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने इस यूनिवर्सिटी को शुरू किया था। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने हरिमंदिर साहिब में श्री आदि ग्रंथ साहिब के चौथे शताब्दी समारोह के दौरान श्री गुरु ग्रंथ साहिब में निहित आदर्शो को समर्पित एक यूनिवर्सिटी की स्थापना की घोषणा की थी। यह सपना तब सच हुआ, जब पंजाब विधानसभा ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब वर्ल्ड यूनिवर्सिटी एक्ट पारित किया। यूनिवर्सिटी ने जुलाई 2011 में अपना पहला शैक्षणिक सत्र शुरू किया।
बकाया राशि नहीं मिलने से बढ़ी परेशानी
आर्थिक संकट का मुख्य कारण सरकार से छात्रवृत्ति नहीं मिलना है। एसजीपीसी की ओर से निर्धारित राशि हर माह यूनिवर्सिटी को भेजी जा रही है। सरकार से 17 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति राशि नहीं मिली है। बकाया राशि न मिलने के कारण वेतन नहीं दे पा रहे हैं।-एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी, अध्यक्ष, एसजीपीसी