वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने दिए संकेत, दीवाली से पहले बिजली पर बड़ी राहत दे सकती है पंजाब सरकार
बिजली की दरों में किसी तरह की कमी की जाएगी या बिजली राहत किसी अन्य रूप में आएगी इस पर वित्त मंत्री ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उनका कहना है कि पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली की योजना भी विचाराधीन है।
लुधियाना, [भूपेंदर सिंह भाटिया]। शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी की बिजली पर राहत की घोषणाओं के बाद पंजाब सरकार एक बार फिर बिजली में राहत देने पर विचार कर रही है। यदि ऐसा कुछ फैसला होता है तो पंजाब के लोगों को बिजली राहत के रूप में दीवाली का तोहफा मिल सकता है। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने कहा कि बिजली राहत को लेकर लोग काफी संवेदनशील रहते हैं और बिजली पर मिले सुझावों पर एक सप्ताह के अंदर राहत देने पर कोई फैसला लिया जाएगा।
दीवाली से पहले इस संबंध में घोषणा की जाएगी। हालांकि बिजली की दरों में किसी तरह की कमी की जाएगी या बिजली राहत किसी अन्य रूप में आएगी, इस पर वित्त मंत्री ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उनका कहना है कि पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली की योजना भी विचाराधीन है और अधिकारियों के साथ बैठक कर इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले अरविंद केजरीवाल और सुखबीर बादल भी सरकार बनने पर बिजली पर छूट देने की घोषणा कर चुके हैं।
हमेशा खजाना खाली होने की बात कहने वाले वित्त मंत्री ने कहा कि अब पंजाब सरकार के पास सिंकिंग फंड भी हो गया है। यानी जरूरत पड़ने पर आरबीआइ से पैसे निकाले जा सकते हैं। मनप्रीत बादल ने कहा, ‘पिछली सरकार ने जाने से एक दिन पहले 40 हजार करोड़ रुपये का कर्जदार बना दिया था, जिसे वर्तमान सरकार ने चुका दिया है। अब रिजर्व बैंक के पास पंजाब सरकार का सिंकिंग फंड भी बन गया है, जिसे जरूरत पड़ने पर उपयोग किया जा सकता है।’
हालांकि आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो पिछली सरकार के विदा होने के समय लगभग दो लाख करोड़ का कर्ज पंजाब पर था, जो अब साढ़े चार साल में बढ़कर 2.75 लाख करोड़ हो चुका है। इसके बावजूद सरकार चुनाव को ध्यान में रखते हुए लगातार लुभावनी छूट और राहत की घोषणा कर रही है। इससे पंजाब के कर्ज पर और भार पड़ने के संबंध में मनप्रीत बादल का कहना था कि इसका इंतजाम पहले से किया गया है। यानी चुनावी मौसम में सरकार लोगों के बीच लालीपॉप बांटती रहेगी।
प्रदेश में दो दिन के कोयले का स्टाक बचा
बिजली संकट पर वित्त मंत्री ने कहा कि पंजाब में 80 फीसद बिजली कोयले से तैयार होती है और सामान्य दिनों में उनके पास 30 दिन का स्टाक होता है। वर्तमान में सिर्फ दो दिन का स्टाक बचा है। बारिश के कारण कोल इंडिया में कोयला नहीं निकल पाया है। वर्तमान में सरकार 14 रुपये यूनिट तक बिजली खरीद कर उपलब्ध करवा रही है, लेकिन भविष्य में कोयले की जगह सोलर या गैस जैसे विकल्प अपनाने होंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में बिजली संकट नहीं होने दिया जाएगा।
पंजाब में निवेश कम नहीं हुआ
किसानों के आंदोलन के कारण पिछले एक साल में कुछ बड़ी कंपनियों द्वारा पंजाब छोड़ने के बाद बिजनेस के बिगड़े माहौल के बावजूद बावजूद सरकार का कहना है कि निवेश में कमी नहीं आई है। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले एक साल की परिस्थितियां अप्रत्याशित हैं, लेकिन इसके बावजूद साढ़े चार साल में 80 हजार करोड़ का निवेश ग्राउंड पर है। इनमें 20 हजार करोड़ का निवेश सिर्फ कोविड काल के दौरान हुआ है।