लुधियाना उत्तरी में कांग्रेस के राकेश पांडे आठवीं बार मैदान में, इस बार राह नहीं है आसान
लुधियाना के हलका उत्तरी से कांग्रेस के विधायक राकेश पांडे एक बार फिर से चुनाव मैदान में हैं। पांडे इस बार आठवीं बार चुनाव मैदान में हैं। इससे पहले वह छह बार विधायक रहे हैं जबकि एक बार भाजपा उम्मीदवार से चुनाव हार गए थे। पिछले चुनावों में वे 5132 वोट से ही जीत पाए थे लेकिन इस बार चुनौती काफी बड़ी है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : लुधियाना के हलका उत्तरी से कांग्रेस के विधायक राकेश पांडे एक बार फिर से चुनाव मैदान में हैं। पांडे इस बार आठवीं बार चुनाव मैदान में हैं। इससे पहले वह छह बार विधायक रहे हैं, जबकि एक बार भाजपा उम्मीदवार से चुनाव हार गए थे। पिछले चुनावों में वे 5132 वोट से ही जीत पाए थे, लेकिन इस बार चुनौती काफी बड़ी है। इस बार चुनाव मैदान में पांडे के सामने आम आदमी पार्टी के नेता मदन लाल बग्गा चुनाव मैदान में हैं, जबकि शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा से आए पूर्व डिप्टी मेयर आरडी शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। उधर भाजपा का अभी उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। मौजूदा परिस्थितियों में साफ है कि इस बार पांडे को कड़ी चुनौती मिलेगी।
शहर के सबसे पुराने विधानसभा क्षेत्रों में शुमार लुधियाना उत्तरी का गठन वर्ष 1957 में हुआ था। इस सीट पर ज्यादातर कांग्रेस का ही कब्जा रहा है। कांग्रेस विधायकों ने इस सीट पर ग्यारह बार विजय दर्ज की है, जबकि एक बार आइएनडी, एक बार बीजेएस और एक बार भाजपा ने इस सीट पर जीत दर्ज की है। इस सीट पर मौजूदा विधायक राकेश पांडे ने छह बार जीत दर्ज की है, जबकि एक बार वे भाजपा के उम्मीदवार हरीश बेदी से वर्ष 2007 के चुनाव में हार गए थे।
पिछले चुनाव का आंकलन किया जाए तो साफ होता है कि इस सीट पर कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा का भी काफी आधार है। पिछली बार भाजपा के परवीन बांसल ने भी 39732 वोट हासिल किए थे। इसके अलावा लोक इंसाफ पार्टी के उम्मीदवार ने भी 20 हजार से अधिक वोट हासिल किए थे। पिछले चुनावों में मदन लाल बग्गा ने इस सीट पर आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था और उन्होंने 12,136 वोट प्राप्त किए थे। साफ है कि इस बार मदन लाल बग्गा आम आदमी पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं। बग्गा का भी इस क्षेत्र में अच्छा खासा आधार है और बग्गा भी लंबे अर्से से इस क्षेत्र में सक्रिय हैं।
विकास को लेकर दिखती है कमी
छह बार विधायक रहने के बावजूद इस विधानसभा क्षेत्र में विकास को लेकर कमी दिखती है। लोग बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे हैं। इसके अलावा पांडे को लेकर एंटी इनकंबेंसी भी है। साफ है कि इन चुनावों में पांडे की राह इतनी आसान नहीं है। उनको चुनावों में कड़ी टक्कर मिलेगी।