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डिजिटल आइडेंटिटी को सुरक्षित रखने के लिए Password के साथ टू स्टेप वेरिफिकेशन का तरीका अपनाएं

कोरोना काल में ऑनलाइन ठगी और हैकिंग के मामले बढ़े हैं। इससे बचने के लिए लोगों का जागरूक होना बेहद जरूरी है।

By Edited By: Published: Sat, 13 Jun 2020 05:00 AM (IST)Updated: Sat, 13 Jun 2020 08:37 AM (IST)
डिजिटल आइडेंटिटी को सुरक्षित रखने के लिए Password के साथ टू स्टेप वेरिफिकेशन का तरीका अपनाएं
डिजिटल आइडेंटिटी को सुरक्षित रखने के लिए Password के साथ टू स्टेप वेरिफिकेशन का तरीका अपनाएं

लुधियाना, जेएनएन। कोरोना काल में ऑनलाइन ठगी और हैकिंग के मामले बढ़े हैं। इससे बचने के लिए लोगों का जागरूक होना बेहद जरूरी है। कुछ ऐसी ही घटनाओं से बचाव के लिए अलर्ट रहने की जानकारी साझा की साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट एवं हैकरशाला के संस्थापक रक्षित टंडन ने। वह फिक्की फ्लो लुधियाना चैप्टर की तरफ से आयोजित वेबिनार में जुड़े थे।

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रक्षित टंडन ने कहा कि इन दिनों जो घटनाएं हो रही हैं, उनमें हैकर्स स्मार्टफोन को ही अधिक हैक कर रहे हैं क्योंकि फोन क्लाउड से अटैच हैं। जैसे कि यदि किसी ने आपका जीमेल अकाउंट हैक किया तो हैकर मोबाइल का सारा डाटा हैक कर सकता है। डिजिटल आइडेंटिटी सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। यह सिर्फ एक पासवर्ड से सुरक्षित नहीं है। इसके लिए जरूरी है कि पासवर्ड के साथ टू स्टेप वेरिफिकेशन में जाएं और यह केवल ओटीपी से ही ऑपरेट होगा। इस तरह वाट्सएप, इंस्टाग्राम, फेसबुक प्रयोग करते समय भी सिक्योरिटी और टू फैक्टर ओथेंटिसिटी का प्रयोग करें।

वेबिनार में सेशन को कोमल अग्रवाल ने मॉडरेट किया और चेयरपर्सन मन्नत कोठारी ने जानकारी देने के लिए रक्षित टंडन का आभार जताया।

हैकिंग से इस तरह बचें

-किसी भी हेल्पलाइन नंबर को गूगल में सर्च न करें।

- बिजनेस ई-मेल का घोटाला भी बढ़ रहा है, इसलिए फेक आइडी से आने वाली ई-मेल से बचें।

- कोविड में टेस्टिंग के नाम पर गलत मैसेज इन दिनों आ रहे हैं जो फ्रॉड हैं।

- वर्चुअल मीटिंग शुरू करने के बाद लॉक कर दें ताकि बाहर का कोई व्यक्ति इसे ज्वाइन न कर सके।

- 18 साल तक के बच्चों के लिए मोबाइल का समय केवल एक घंटा तय करें।

अभिभावकों को सलाह

वर्चुअल क्लास के दौरान बच्चों पर नजर रखें साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट एवं हैकरशाला के संस्थापक रक्षित टंडन ने कहा कि कोरोना के कारण स्कूल-कॉलेज बंद हैं और इन दिनों वर्चुअल क्लासेस चल रही हैं। इस दौरान बच्चा कुछ घंटे की पढ़ाई के बाद स्क्रीन पर दूसरी विंडो खोलकर कहीं पबजी खेल रहा है तो या कोई दूसरी गेम्स। ऐसे मामले इन दिनों देखने को मिल रहे हैं। इसलिए अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वह बच्चों के रोजाना वर्चुअल स्कूल के दौरान उस पर ध्यान दें।

बेशक इन दो महीनों में बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई, अभिभावकों को वर्क फ्रॉम होम का पता चला है पर इन सबके बावजूद अब अभिभावकों को बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। भले ही आज की जनरेशन के विचार अच्छे हैं पर खराबी यह है कि उन्हें बचपन से डिजिटल सिटीजनशिप के बारे नहीं सिखाया जाता।

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