महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, आत्म सम्मान देना ही फिक्की एफएलओ का मकसद
ऐसा माना जाता है भारत के गांवों में देश बसता है यदि गांव समृद्ध होंगे तो देश ताकतवर बनेगा खास कर जब गांव की महिलाएं भी आत्मनिर्भर हो जाएंगी आर्थिक तौर पर अपने पैरों पर खड़ा होंगी तो इससे देश और बुलंदियों पर पहुंच जाएगा। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने उनका आत्मविश्वास बढ़ाने और आत्मसम्मान से समाज में जीने का पाठ पढ़ाने के लिए महिलाओं की प्रख्यात संस्था फिक्की एफएलओ ने बीड़ा उठाया है।
राधिका कपूर, लुधियाना : ऐसा माना जाता है भारत के गांवों में देश बसता है, यदि गांव समृद्ध होंगे तो देश ताकतवर बनेगा, खास कर जब गांव की महिलाएं भी आत्मनिर्भर हो जाएंगी, आर्थिक तौर पर अपने पैरों पर खड़ा होंगी तो इससे देश और बुलंदियों पर पहुंच जाएगा। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, उनका आत्मविश्वास बढ़ाने और आत्मसम्मान से समाज में जीने का पाठ पढ़ाने के लिए महिलाओं की प्रख्यात संस्था फिक्की एफएलओ ने बीड़ा उठाया है। फिक्की एफएलओ लुधियाना चैप्टर की चेयरपर्सन राधिका गुप्ता ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत के दौरान संस्था की कार्यप्रणाली और उपलब्धियों के बारे में चर्चा की।
सवाल: फिक्की एफएलओ संस्था की ओर से महिला सशक्तीकरण के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
जवाब : संस्था गांवों को अडाप्ट कर वहां की महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भर एवं सशक्त बना रही हैं। महिलाओं को कई तरह के उत्पाद बनाने की ट्रेनिग माहिरों से दिलाई जा रही है। उनके द्वारा तैयार उत्पादों की मार्केटिग के लिए मजबूत प्लेटफार्म भी फिक्की एफएलओ मुहैया कराती है। इतना ही नहीं उनको कंप्यूटर समेत कई तरह की डिजिटल ट्रेनिग भी दी जा रही है। इसके बाद उनको रोजगार मुहैया कराया जा रहा है।
सवाल : अभी तक कितने गांवों को अडाप्ट किया जा चुका है और क्या ये गांव लुधियाना के हैं?
जवाब : ये महिलाएं केवल लुधियाना से ही नहीं है, बल्कि राज्य के विभिन्न जिलों के गांवों की हैं। फिक्की आर्गेनाइजेशन ने अभी राज्य के तेरह गांवों को अडाप्ट किया है, जहां महिलाओं के लिए वर्कशाप आयोजित कर जानकारी दी जाती है। फिक्की का उद्देश्य ही महिलाओं को सशक्त बनाने का है। इसी के साथ-साथ विद्यार्थियों की शिक्षा व मूलभूत सुविधाओं का जिम्मा भी आर्गेनाइजेशन उठा रही है।
सवाल:- फिक्की ने कौन-कौन से गांवों को अडाप्ट किया है?
जवाब: फिक्की एफएलओ ने लुधियाना के गांव भट्ठा दुआ, लहरा, देदवाल, इस्सेवाल, नगर, छांगन, झम्मट शामिल है। कपूरथला का खेरा बेट, मोगा का चक्क, रोपड़ का पुहाड़, तरनतारन का खेड़ा, राजगढ़ का जी गादा, रूपनगर का भोर माजरा को अडाप्ट किया है। इन गांवों की महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने की राह दिखाई जा रही है। उनको आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ा कर उनका हर तरह से सहयोग भी किया जा रहा है।
सवाल:- अडाप्ट किए गावों में महिलाओं को किस तरह से सशक्त किया जाता है?
जवाब:- हर गांव की महिलाओं को उनकी रूचि के अनुसार आचार बनाने की विधि, पापड़ बनाने के गुर, बुनाई में कुशलता, कढ़ाई की बारीकियां बताने के लिए वर्कशाप का आयोजन किया जाता है। इसमें निपुण होने के बाद महिलाओं को अपने उत्पादों की बिक्री के लिए फिक्की एफएलओ की ओर से ही प्लेटफार्म मुहैया कराया जाता है। इसके तहत महिलाओं के सामान की बिक्री प्रदर्शनिर्याें के साथ साथ अन्य माध्यमों से भी की जाती है।
सवाल:- फिक्की एफएलओ कौन-कौन से कोर्स भी करवा रही है?
जवाब: - फिक्की एफएलओ तीन महीने के कंप्यूटर, सिलाई और ब्यूटीशियन के सर्टिफाइड कोर्स भी महिलाओं को निशुल्क करवा रहा है, ताकि महिलाएं इनमें भी सशक्त हो आत्मनिर्भर बन सकें। इसी के साथ-साथ फिक्की अडाप्ट किए गांवों में मेडिकल कैंप, पौधारोपण और युवाओं को नशे से दुष्प्रभावों से अवगत कराने के उद्देश्य से नुक्कड़ नाटक भी चला रहा है। कुल मिला कर गांवों की महिलाओं को मानसिक तौर पर भी मजबूत करना है। इस दिशा में भी कार्य किए जा रहे हैं।
सवाल:- विद्यार्थियों को शिक्षित एवं मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए क्या कर रहा है?
जवाब:- फिक्की एफएलओ ने इस साल गांव बीरमी के सरकारी हाई स्कूल को अडाप्ट किया है, जहां खेल का मैदान, झूले, पौधारोपण इत्यादि करवाया जाएगा। वहीं स्कूल में पढ़ रहे 116 बच्चों को स्मार्ट क्लासरूम की सुविधा मुहैया कराई जाएंगी। इस साल नवंबर तक यह प्रोजेक्ट पूरा कर लेने की उम्मीद है। इसके बाद आगे भी फिक्की एलएलओ का यह सफर इसी तरह जारी रहेगा।