Move to Jagran APP

एफसीआइ गोदाम फुल, शेलर मालिक नए धान की मिलिंग करने को तैयार नहीं Ludhiana News

शैलर मालिकों का तर्क है कि जब तक गोदामों में जगह का इंतजाम नहीं होता मिलों में धान नहीं लगवाया जाएगा। इससे मंडियों में धान का स्टॉक बढ़ रहा है।

By Edited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 05:00 AM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 02:13 PM (IST)
एफसीआइ गोदाम फुल, शेलर मालिक नए धान की मिलिंग करने को तैयार नहीं Ludhiana News
एफसीआइ गोदाम फुल, शेलर मालिक नए धान की मिलिंग करने को तैयार नहीं Ludhiana News

श्री माछीवाड़ा साहिब, जेएनएन। पंजाब की मंडियों में एक तरफ धान की आमद तेज हो रही है तो दूसरी तरफ गोदामों में चावल रखने के लिए जगह की कमी है। ऐसे में शेलर मालिकों ने मिलों में धान लगवाने से इंकार कर दिया है। शेलर मालिकों का तर्क है कि जब तक गोदामों में जगह का इंतजाम नहीं होता, मिलों में धान नहीं लगवाया जाएगा। इससे मंडियों में धान का स्टॉक बढ़ रहा है। इससे परेशानी बढ़ रही है।

loksabha election banner

पंजाब राइस शेलर एसोसिएशन के प्रधान तरसेम सिंह सैणी ने बताया कि पंजाब सरकार उन पर दबाव डाल रही है कि खाद्य आपूर्ति विभाग के साथ एग्रीमेंट कर शैलर मालिक मंडियों से धान की लिफ्टिंग शुरू करें, परंतु सरकार यह नहीं बता पा रही है कि धान की मिलिंग के बाद चावल का स्टॉक करने के लिए जगह कहां है। तरसेम सैणी ने बताया कि पंजाब में एफसीआइ गोदामों में पिछले वर्ष 110 लाख मीट्रिक टन चावल शेलर मालिकों द्वारा मिलिंग करके लगाया गया था, परंतु पिछले छह माह में केवल 17 लाख टन चावल ही गोदामों में से बाहर के राज्यों को भेजा गया। बाकी करीब 93 लाख टन चावल से अभी भी गोदाम भरे पड़े हैं।

उन्होंने बताया कि इस बार 2019-20 नये सीजन दौरान फिर शेलर मालिकों की तरफ से करीब 110 लाख टन चावल मिलिंग के बाद गोदामों में लगाया जाना है, परंतु जगह सिर्फ 17 लाख टन की है। 31 मार्च 2020 तक यह संभव ही नहीं कि यह सारा चावल पंजाब के गोदामों से बाहर के राज्यों को भेजा जा सके। उन्होंने बताया कि 31 मार्च 2019 से 30 सितंबर 2019 तक छह महीने के दौरान केवल 17 लाख टन चावल ही बाहर के राज्यों को भेजा गया। यदि यही रफ्तार रही तो किसी हालत में भी पिछले वर्ष भरे गोदामों के चावल खाली नहीं होंगे जिस कारण नये चावल लगाने के लिए जगह की समस्या के लिए शैलर मालिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा और नये धान की मिलिंग उन के लिए भारी आर्थिक घाटे का कारण बनेगी।

तरसेम ने बताया कि पंजाब के 4000 से अधिक शैलर मंडियों में से धान की फसल उठाने को तैयार हैं परंतु सरकार पहले चावल लगाने के लिए जगह के पुख्ता प्रबंध करे।

हर महीने 9 लाख टन चावल दूसरे राज्यों को भेजा जाएगा

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की डायरेक्टर अन्नदित्ता मित्रा का दावा है कि केंद्र के अधिकारियों के साथ बातचीत हो चुकी है। पंजाब के गोदामों से प्रत्येक महीने 9 लाख मीट्रिक टन चावल दूसरे राज्यों को भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि यदि सीजन 2019-20 दौरान गोदामों में जगह की कमी कारण शेलर मालिकों का चावल नहीं लगता तो उनसे कोई जुर्माना नहीं वसूला जाएगा।

गोदामों में जगह बनाने के लिए कोशिशें जारी: एफसीआइ

एफसीआइ अधिकारी गंगेश्वर गोसाई ने कहा कि गोदामों में भरा पड़ा पिछले वर्ष का चावल दूसरे राज्यों में भेज कर नया चावल स्टाक करने की कोशिशें जारी हैं। लेकिन यह दावे के साथ नहीं कह सकते कि 31 मार्च 2020 तक शेलर मालिकों का 2019-20 के नये सीजन का चावल गोदामों में लगाने की जगह बन सकेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.