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पिता के अनुभव और मागदर्शन का मिला साथ तो कारोबार के सफर में हासिल की कामयाबी Ludhiana News

मितेश अपनी सफलता का सारा श्रेय पिता को देते हैं। उनका तर्क है कि पिता का अनुभव और मार्गदर्शन उनको आगे बढ़ने में मदद कर रहा है।

By Edited By: Published: Mon, 23 Dec 2019 05:00 AM (IST)Updated: Mon, 23 Dec 2019 05:00 AM (IST)
पिता के अनुभव और मागदर्शन का मिला साथ तो कारोबार के सफर में हासिल की कामयाबी Ludhiana News
पिता के अनुभव और मागदर्शन का मिला साथ तो कारोबार के सफर में हासिल की कामयाबी Ludhiana News

लुधियाना, जेएनएन। दस साल के कारोबारी सफर में हर पल और हर कदम पर पिता का मार्गदर्शन मिला। उन्होंने कारोबार की बारीकियां समझाई और सक्सेस मंत्र दिए। उन्हीं को आधार बनाकर कारोबार का विस्तार किया, टेक्नोलॉजी अपग्रेड की और घरेलू बाजार में पैठ बनाई। डाइंग से शुरू हुआ सफर कंबल मेन्युफैक्चरिंग से होते हुए अब रेडिमेड गारमेंट्स की मेन्युफैक्चरिंग तक पहुंच गया है। यह कहना है परफेक्ट डाइंग एंड फिनिशिंग इंडस्ट्रीज एवं मितेश केशव ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन वरिंदर कुमार गुप्ता के बेटे एवं कंपनी में डायरेक्टर मितेश गुप्ता का।

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मितेश का लक्ष्य अब रेडिमेड गारमेंट पर फोकस कर इस क्षेत्र में विस्तार करना है। मितेश की स्कूलिंग भाई रंधीर सिंह नगर स्थित सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल से हुई। उन्होंने टेक्सटाइल का डिप्लोमा किया और फिर कोहलापुर स्थित डीकेटीई इंस्टीट्यूट से टेक्सटाइल में डिग्री हासिल की। शिक्षा पूरी होने के बाद उन्होंने वर्ष 2009 में पारिवारिक बिजनेस ज्वाइन किया। शुरुआत में कंपनी में जॉब वर्क पर ही कपड़े की रंगाई का काम किया जा रहा था। बिजनेस में आते ही उन्होंने इसमें विस्तार की रणनीति बना अपग्रेडेशन पर फोकस किया। हाईटेक मशीनरी लगाने के बाद वर्ष 2010 में कंबल की मेन्युफैक्चरिंग शुरू की गई। कंपनी पीएचएफ ब्रांड के तहत कंबल की मार्केटिंग कर रही है और रिलायंस, बिग बाजार समेत कई काॅरपोरेट रिटेलरों को कंबल की आपूर्ति की जा रही है।

सफलता में मेहनत, इनोवेशन, टीम वर्क, प्लानिंग का अहम रोल

मितेश के मुताबिक, उन्होंने फिनिशिंग एवं प्रोसेसिंगग पर भी फोकस किया। वर्ष 2017 से रेडिमेड गारमेंट्स की मेन्युफैक्चरिंग की शुरुआत की। सर्दी सीजन के लिए बच्चों एवं पुरुषों के लिए जेंट्स गारमेंट तैयार किए जा रहे हैं। ज्यादातर गारमेंट की मेन्युफैक्चरिंग आॅर्डर के मुताबिक ही की जा रही है। कंपनी ने देश भर में अपने उत्पादों की मार्केटिंग के लिए डीलर नेटवर्क तैयार किया है। मितेश की सफलता में सख्त मेहनत, इनोवेशन, टीम वर्क, बेहतर एवं स्टीक प्लानिंग, बाजार की नब्ज को पहचान कर फैसले लेने की कला का अहम रोल रहा। क्वालिटी से कभी भी उन्होंने समझौता नहीं किया।

दादा राम कृष्ण गुप्ता ने 1967 में डाइंग इंडस्ट्री स्थापित की

मितेश का कहना है कि वर्ष 1967 में दादा राम कृष्ण गुप्ता ने औद्योगिक क्षेत्र में डाइंग इंडस्ट्री स्थापित की। इसके बाद 1975 में पिता वीके गुप्ता ने बिजनेस ज्वाइन किया और कंपनी को आगे बढ़ाया। 1996 में फोकल प्वाइंट में नया यूनिट स्थापित किया। पारिवारिक बिजनेस ज्वाइन करने के बाद मितेश लगातार आगे बढ़ते गए।

बैडमिंटन का शौक, ट्रैवलिंग में भी आता है आनंद

मितेश को बैडमिंटन खेलने का शौक है। वक्त मिलने पर वे बैडमिंटन खेलने को प्राथमिकता देते हैं। इसके अलावा उनको ट्रैवलिंग में भी आनंद आता है। मितेश अपनी सफलता का सारा श्रेय पिता को देते हैं। उनका तर्क है कि पिता का अनुभव और मार्गदर्शन उनको आगे बढ़ने में मदद कर रहा है।

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