लुधियाना की फास्टनर इंडस्ट्री वाहन स्क्रैप नीति के एलान से उत्साहित, काराेबार में आएगी रफ्तार
फास्टनर उद्यमियों का तर्क है कि सरकार की दूरदर्शिता के बाद सूबे का करीब 6000 करोड़ का फास्टनर उद्योग अगले पाच साल में उछल कर 15000 हजार करोड़ का हो सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए उद्यमियों ने विस्तार से प्लानिंग भी शुरू कर दी है।
लुधियाना, [राजीव शर्मा]। कोरोना महामारी से जूझने के बाद अब देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में ढांचागत विकास एवं मैन्यूफैक्चौिंग बेस की मजबूती की दिशा में कदम उठाकर आर्थिकता की गति बढ़ाने के उपाय किए हैं। बजट में वाहन स्क्रैप नीति का एलान किया गया है, जिससे आटोमोबाइल एवं आटो पार्ट्स इंडस्ट्री गदगद है। इतना ही नहीं, फास्टनर नट-बोल्ट इंडस्ट्री भी उत्साहित है।
उद्यमियों का तर्क है कि स्क्रैप नीति से घरेलू नट-बोल्ट मार्केट में भी बूम आएगा। साथ ही स्टील सस्ता करने की कसरत से भी इंडस्ट्री को सुकून मिलेगा। फास्टनर उद्यमियों का तर्क है कि सरकार की दूरदर्शिता के बाद सूबे का करीब 6000 करोड़ का फास्टनर उद्योग अगले पाच साल में उछल कर 15000 हजार करोड़ का हो सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए उद्यमियों ने विस्तार से प्लानिंग भी शुरू कर दी है।
उद्यमियों के अनुसार सूबे में फास्टनर की एक हजार से अधिक इकाइया हैं। इनमें सालाना छह हजार करोड़ से अधिक का कारोबार किया जा रहा है। फास्टनर में अधिकतर नट बोल्ट, वाशर, स्टड, स्क्रू इत्यादि उत्पाद आते हैं। आयात से परेशान था घरेलू बाजार घरेलू बाजार में फास्टनर उद्योग चीन से आयात होने वाले उत्पादों की मार से परेशान था। सरकार ने बजट में स्टील स्क्रू पर आयात शुल्क दस से बढ़ाकर 15 फीसद कर दिया है। इससे चीन से आने वाले दो हजार करोड़ के स्क्रू का आयात रुक जाएगा। यह हिस्सेदारी घरेलू निर्माताओं के पास आ जाएगी। इसके अलावा सरकार ने चुनिंदा आटो पार्टस पर पंद्रह फीसद आयात शुल्क लगा दिया है।
नट-बोल्ट की माग में होगा इजाफा
फास्टनर मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन आफ इंडिया के प्रधान एवं फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड पंजाब के कन्वीनर नरेंद्र भमरा का कहना है कि वाहन स्क्रैप नीति से आटो सेक्टर के साथ-साथ फास्टनर उद्योग को भी सीधा लाभ मिलेगा। बाजार में नट-बोल्ट की माग में जबरदस्त इजाफा होगा। इंडस्ट्री का इंफ्रास्ट्रक्चर बनने से भी फास्टनर की माग बढ़ेगी। उद्यमी आगे विस्तार की योजनाओं को लेकर रणनीति बना रहे हैं। इसके अलावा टेक्नोलाजी अपग्रेडेशन पर भी फोकस किया जा रहा है। सरकार को स्टील की कीमतों में हो रही तेज उठापठक को नियंत्रित करने के लिए रेगुलेटरी कमिशन बनाने की जरूरत है। इससे स्टील की कीमतों में स्थिरता आएगी।
बजट में आयातित स्क्रू पर ड्यूटी बढ़ाने का लाभ घरेलू उद्योग को मिलेगा। इसके अलावा स्टील कीमतों को भी लगाम लगाने का प्रयास किया गया है। यह साकारात्मक पहल है। - राज कुमार सिंगला, प्रधान फास्टनर मेन्युफैक्चरर्स एंड सप्लायर्स एसोसिएशन