देश व्यापी किसान, मजदूर आंदोलन का तीखा दबाव काले कानूनों का तोड़ेगा मुंह
वर्ष 1929 में शहीद भगत सिंह पर बटूकेश्वर दत्त ने लाहौर असेंबली हाल में बम फैंक कर अंग्रेज हुकूमत की ओर से पास किए जा रहे ट्रेड डिस्पियूट एक्ट खिलाफ विरोध प्रकट करते गिरफ्तारियां दी थी।
जागरण संवाददाता, जगराओं : वर्ष 1929 में शहीद भगत सिंह पर बटूकेश्वर दत्त ने लाहौर असेंबली हाल में बम फैंक कर अंग्रेज हुकूमत की ओर से पास किए जा रहे ट्रेड डिस्प्यूट एक्ट खिलाफ विरोध प्रकट करते गिरफ्तारियां दी थी। उसी समय इन योद्धाओं ने हाल में पर्चे फैंके थे। जिन पर लिखा था 'बोले कानों को सुनाने के लिए धमाके की जरूर होती है।' इस ऐतिहासिक दिन पर अपने शूरवीरों को याद करते किसान नेताओं ने कहा कि आज के काले अंग्रेज बोले ही नहीं बल्कि सत्ता के नशे में मदहोश हैं जिनको लोगों की परवाह नहीं है। इस देश व्यापी किसान, मजदूर आंदोलन का तीखा दबाव ही काले कानूनों का मुंह तोड़ेगा। मंगलवार को 188वें दिन में शामिल हुए किसान मोर्चे में हरचंद सिंह, दर्शन सिंह गालिब, ब्लाक वित्त सचिव धर्म सिंह सुजापुर, जगदीश सिंह, कंवलजीत खन्ना ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चे के सारे निमंत्रण पूरी लागू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 11 अप्रैल दिन रविवार 11 बजे रेलवे स्टेशन पार्क जगराओं में बीते समय में बिछड़ गए। इंकलाबी लहर साथियों मास्टर गुरचरण सिंह हठूर, मास्टर नायब सिंह रसूलपुर, साहित्यकार व बिजली कर्मचारी नेता हाकम सिंह गालिब, गुरबख्श सिंह हठूर, मजदूर नेता सुखदेव सिंह पूर्व सरपंच भमाल, रेहड़ी मजदूर नेता गुरमीत सिंह, मास्टर पूर्ण कांउके, शिक्षा अधिकारी रणजीत सिंह को याद किया जाएगा। इस संबंधित सारे ही परिवारों व किसानों मजदूरों को बड़ी गिनती में पहुंचने का निमंत्रण दिया गया।