पीएयू से बीज खरीदने से पहले किसानों को देना होगा आधार कार्ड
पीएयू के बीज केंद्र या डिस्ट्रिक्ट सेंटर पर बीज लेने के लिए आने वाले हर किसान को बिल देने से पहले आधार कार्ड लेंगे। यह सुनिश्चित करेंगे कि बीज लेने वाले की पहचान क्या है।
लुधियाना, [आशा मेहता]। प्राइवेट बीज केंद्रों की तरफ से बिना मंजूरी के पीएयू के तैयार किए गए पीआर 128 व 129 किस्म के बीजों को महंगे दाम पर बेचने की बात सामने आने के बाद मामला पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। हर कोई यही सवाल कर रहा है कि आखिर पीएयू की इन दोनों पीआर वैरायटी का बीज प्राइवेट बीज केंद्रों पर पहुंचा कैसे।
इससे पीएयू के अधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि पीएयू के डायरेक्टर रिसर्च डॉ. नवतेज बैंस का कहना है कि उनकी तरफ से तो लॉकडाउन के दौरान ट्रांसपोर्ट में मिली छूट को देखते हुए तैयार की गई वैरायटी पीआर 128 व 129 के बीज को सभी जिला सेंटरों पर पहुंचा दिया गया था। वहां से जिला सेंटर प्रमुखों द्वारा डिजिटल माध्यमों का प्रयोग करते हुए किसानों तक बीज पहुंचाया गया था जबकि बहुत से किसानों ने पीएयू के बीज केंद्र से आकर बीज खरीदा। उनका कहना था कि पीएयू की तरफ से ट्रेडर्स को बीज नहीं दिया गया। चूंकि, बीज बिक्री के दौरान एक एक किसान को मॉनिटर नहीं किया जाता। ऐसे में यह पता नहीं लगाया जा सकता कि बीज लेने वाला किसान था या कोई और।
इसी कारण अब पीएयू की तरफ से बीज बिक्री व नई वैरायटी के फार्मर फील्ड ट्रायल के दौरान कई सख्त नियम बनाए जा रहे हैं। डॉ. नवतेज सिंह बैंस ने कहा कि बीज बिक्री को लेकर हम गाइडलाइन को और सख्त करने जा रहे हैं। पीएयू के बीज केंद्र या डिस्ट्रिक्ट सेंटर पर बीज लेने के लिए आने वाले हर किसान को बिल देने से पहले आधार कार्ड लेंगे। यह सुनिश्चित करेंगे कि बीज लेने वाले की पहचान क्या है। अगर हमें बीज खरीद बिक्री को लेकर रेगुलेटरी बदलाव भी करना पड़ेगा, तो उसके लिए भी प्रपोजल तैयार कर रहे हैं। इसमें यह होगा कि पहले साल अगर कोई नई वैरायटी आती है, तो कोई भी निजी स्तर पर बिक्री न करे, क्योंकि उस साल आमतौर पर वैरायटी सर्टिफाइड सीड मौजूद नहीं होता। सर्टिफाइड सीड पैदा करने के लिए केंद्र सरकार की नोटिफिकेशन होती है। नेशनल गैजेट में वैरायटी लिस्ट होती है। अभी यह प्रक्रिया चल रही होती कि पहले साल सर्टिफाइड बीज उपलब्ध नहीं होगा।
फार्मर सीड ट्रायल में भी आधार कार्ड और शपथ पत्र लेंगे
जब भी पीएयू नई वैरायटी तैयार करता है, तो उसके फार्मर फील्ड ट्रायल काफी होते हैं। ट्रायल के दौरान फार्मर को उस वैरायटी के बीज खेतों में लगाने के लिए दिया जाता है जिससे कि वैरायटी के गुणों के बारे में जाना जा सके। पीएयू के डायरेक्टर रिसर्च डॉ. नवतेज बैंस ने कहा कि हमने प्रपोजल बनाया है कि अब हम नई वैरायटी को लेकर किए जाने वाले फार्मर फील्ड ट्रायल के दौरान किसान का आधार कार्ड तो लेंगे, इसके साथ ही सीड देने के दौरान जब हम सिग्नेचर एक्नॉलेजमेंट लेते हैं, तो किसान से यह लिखवाकर लेंगे कि 'मैं एक निरोल फार्मर हूं, मेरा बीज का व्यवसाय नहीं है। यह सीड हम बेचेंगे नहीं, किसी और को नहीं देंगे। अपने लिए इस्तेमाल करेंगे। इसके अलावा स्कूटनी बढ़ाएंगे।
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