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किसान जसप्रीत ने दिखाई दूसरों को राह, बिना पराली जलाए हैप्पी सीडर के इस्तेमाल कमाया अधिक मुनाफा

गांव गालिब खुर्द के जसप्रीत सिंह ने अन्य किसानों के लिए मिसाल कायम की है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Oct 2018 04:41 PM (IST)Updated: Sun, 14 Oct 2018 05:00 PM (IST)
किसान जसप्रीत ने दिखाई दूसरों को राह, बिना पराली जलाए हैप्पी सीडर के इस्तेमाल कमाया अधिक मुनाफा
किसान जसप्रीत ने दिखाई दूसरों को राह, बिना पराली जलाए हैप्पी सीडर के इस्तेमाल कमाया अधिक मुनाफा

बिंदु उप्पल, जगराओं : गांव गालिब खुर्द के जसप्रीत सिंह ने अन्य किसानों के लिए मिसाल कायम की है। जसप्रीत उन आधुनिक सोच वाले किसानों में हैं जो गेंहू की बीजाई हैप्पी सीडर से करके पर्यावरण संरक्षण की सोच पर पहरा दे रहे हैं। गेंहू की सीधी बीजाई हैप्पी सीडर से करके उन्होंने न केवल समय और तेल की बचत की बल्कि अधिक मुनाफा भी कमाया।

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जसप्रीत सिंह ने बताया कि वह वातावरण प्रेमी हैं। इस नाते उनका धान की पराली को जलाने का मन नहीं करता है। इस कारण उन्होंने पीएयू के मशीनरी विभाग में संपर्क कर उनकी सलाह से हैप्पी सीडर का प्रयोग किया। इससे गेंहू की फसल की उपज में वृद्धि हुई है। इसलिए वह पिछले कुछ समय से गेंहू की सीधी बीजाइ्र के बारे मे लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। उनके मुताबिक हैप्पी सीडर से बीजाई करने से उपज अधिक मिलती है। दाने मोटे और उनकी क्वालिटी बढि़या होती है, तूड़ी भी अधिक बनती है सबसे विशेष बात यह है कि गुल्ली-डंडे की समस्या से निजात मिलती है।

हैप्पी सीडर के प्रयोग से संतुष्ट होकर उन्होंने इस वर्ष कुछ किसानों के साथ मिलकर एक हैप्पी सीडर मशीन खरीद ली है। प्रोग्रेसिव किसान जसप्रीत सिंह संत भगवान पूरी किसान क्लब गालिब खुर्द के प्रधान भी हैं। वह पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के किसान क्लब व सपना क्लब के भी सदस्य हैं। अपनी सूझबूझ और कुशलता से वह अन्य किसानों को कृषि विविधता के लिए भी प्रेरित करते हैं। उनकी किसानों को सलाह है कि वे हैप्पी सीडर से गेंहू की सीधी बीजाई आसानी से कर सकते हैं। इसके लिए पीएयू के वैज्ञानिकों व खेती माहिरों से पूरी मदद लेनी चाहिए। उसने कहा कि पीएयू में विकसित स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम व रीपर, दोनों के प्रयोग के बाद हैप्पी सीडर से गेंहू की बीजाई की जा सकती है। उन्होंने कहा कि किसानों को आधुनिक खेती की तरफ बढ़ना चाहिए। वातावरण को संभालने के लिए पराली को बिल्कुल आग नहीं लगानी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी किसी प्रकार के संकट का सामना न करें।


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