लुधियाना के एक्सपोर्टर की मांग, केन्द्रीय बजट में इंसेटिव स्कीम के साथ स्टील के दामों का हल निकाले सरकार
लुधियाना हैंडटूल एसोसिएशन के प्रधान एससी रल्हन के मुताबिक एक्सपोर्ट में पंजाब की भूमिका तेजी से अग्रसर हो रही है। पंजाब के कई उत्पादों की मांग विदेशी बाजारों खासकर अमेरिका यूरोप आस्ट्रेलिया में बढ़ी है। इस समय सबसे बड़ी समस्या ओशियन फ्रेट की है।
लुधियाना [मुनीश शर्मा]। देश में आने वाले बजट में केंद्र सरकार निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े कदम उठा सकती है, सरकार की ओर से मेक इन इंडिया उत्पादों की बिक्री को विश्व बाजार में तेज करने की कवायद जारी है। ऐसे में पंजाब की एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी तो हो रही है और डिमांड भी पहले की तुलना में तेज हुई है, लेकिन पर्याप्त साधन न होने और लगातार फ्रेट के दामों में हो रहा इजाफा इनपर पानी फेर रहा है। इसके साथ ही पिछले कई सालों से दी जाने वाली इंपोर्ट इंसेटिव स्कीमें भी बंद की जा रही है।
ऐसे में एक्सपोर्टर ग्लोबल मार्केट में ग्रोथ के लिए इसे बाधा मान रहे हैं और इस केन्द्रीय बजट में एक्सपोर्ट में इंसेटिव स्कीमें दिए जाने की मांग कर रहे हैं, ताकि ग्लोबल मार्केट में कारपोरेट के साथ साथ एमएसएमई इंडस्ट्री भी एक्सपोर्ट को बढ़ा सके। केंद्र सरकार ने मौजूदा साल में मिशन आत्मनिर्भर भारत के जरिए मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र से जुड़े कई ऐलान किए हैं। साथ ही स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजारों तक पहुंचाने की रणनीति पर भी काम शुरू हो गया है। ऐसे में बजट में पंजाब के कारोबारियों को अच्छे लाभ मिलने की उम्मीद है।
लुधियाना हैंडटूल एसोसिएशन के प्रधान एससी रल्हन के मुताबिक एक्सपोर्ट में पंजाब की भूमिका तेजी से अग्रसर हो रही है। पंजाब के कई उत्पादों की मांग विदेशी बाजारों खासकर अमेरिका, यूरोप, आस्ट्रेलिया में बढ़ी है। लेकिन हाल ही में सरकार की ओर से इंसेटिव स्कींमें बंद करने से एमएसएमई उद्योग कंपीटिशन में जाने के लिए प्राइस वार का सामना कर रहे हैं। इसके साथ ही इस समय सबसे बड़ी समस्या ओशियन फ्रेट की है। अगर इसमें कंट्रोल न किया गया या सरकार की ओर से कोई योजना न लाई गई, तो एक्सपोर्ट सबसे बड़ी चुनौती होगा। पैरामाउंट इंपेक्स के एमडी राकेश कपूर के मुताबिक बजट में कंटेनरों की कमी को पूरा करने के लिए भी कदम उठाए जाने की जरूरत है। इस समय कंटेनर की कमी के चलते एक्सपोर्ट देरी से हो रही है। ऐसे में सरकार को कंटेनर निर्माण पर भी जोर देना चाहिए। ताकि भारतीय इंडस्ट्री एक्सपोर्ट में तेजी से अग्रसर हो सके।