Move to Jagran APP

पंजाब में Adani Logistics Park पार्क बंद होने से आयातक व निर्यातक मुश्किल में, करोड़ों का माल फंसा

पंजाब के लुधियाना में किसानों के आंदोलन के कारण अदाणी लाजिस्टिक्‍स पार्क को बंद किए जाने से पंजाब के कारोबारी मुश्किल में फंस गए हैं। पंजाब के एक्‍सपोर्टर और इम्‍पोर्टर भारी मुसीबत में फंस गए हैं। उनका करोड़ों रुपये का माल फंस गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 08:31 AM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 06:43 PM (IST)
पंजाब में Adani Logistics Park पार्क बंद होने से आयातक व निर्यातक मुश्किल में, करोड़ों का माल फंसा
लुधियाना के अदाणी लाजिस्टिक्‍स पार्क के गेट के सामने धरना देते किसान। (फाइल फाेटाे)

लुधियाना , [राजीव शर्मा]। तीन कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के साइड इफेक्ट धीरे-धीरे सामने आने लगे हैं। किला रायकोट में अदाणी ग्रुप का लाजिस्टिक्स पार्क बंद होने के कारण निर्यातक (Exporter) और आयातक (Importer) मुसीबत में फंस गए हैं। उनका करोड़ों रुपये का माल फंस गया है और इस हालत से निकलने का उनको रास्‍ता नजर नहीं आ रहा है। लाजिस्टिक्‍स पार्क के सामने धरने पर बैठे किसान किसी कीमत पर हटने को तैयार नहीं है। इस कारण ड्राई पोर्ट में रखा माल वे नहीं निकाल पा रहे। इससे मशीनें खराब हो रही हैं और उनमें जंग लग रहा है।

loksabha election banner

किसानों से कई बार लगाई गुहार, प्रदर्शनकारी हटने को तैयार नहीं

अदाणी लाजिस्टिक्‍स पार्क के बंद होने से 400 से ज्यादा युवा बेरोजगार हो चुके हैं, जबकि सरकार को अब तक 700 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। उद्योगों के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च भी 33 फीसद तक बढ़ गया है। दूसरी तरफ आठ माह से बंद इस पार्क के कारण आयातकों और निर्यातकों का करोड़ों रुपये का माल अंदर फंस गया है। किसान गेट पर धरना लगाकर बैठे है। कई बार अपील के बाद भी वे हटने को तैयार नहीं हैं।

ड्राई पोर्ट के अंदर पड़ा सामान हो रहा खराब, जंग खा रहीं मशीनें

ड्राई पोर्ट प्रबंधन का कहना कम से कम सौ कंटेनर आयात का माल अंदर अटका है। आयातकों ने कस्टम क्लीयरेंस के अलावा सरकार को ड्यूटी भी जमा करवा दी है। विदेश से सामान मंगवाने के लिए उन्होंने कर्ज लेकर एडवांस पेमेंट भी कर दी है। अब लाखों रुपये का ब्याज पड़ रहा है।

ट्रैक्टर पा‌र्ट्स निर्माता बुल फोर्ज के संचालक गगनदीप सिंह आनंद ने युक्रेन से फोर्जिग मशीन मंगवाई थी। इससे ट्रैक्टर पा‌र्ट्स बनते हैं। इसकी कीमत करीब 20 लाख है। यह पिछले साल दिसंबर में पहुंच गई थी, लेकिन अब तक डिलीवरी नहीं हुई। उन्हें अब तक पांच से सात लाख रुपये का नुकसान हो चुका है।

उन्होंने कहा कि मशीन भी काफी खराब हो गई है। सारी पेमेंट एडवांस में पिछले साल सितंबर में ही कर दी थी। इसके लिए बैंक से कर्ज लिया था। तब से ब्याज पड़ रहा है। किसानों को कई बार मजबूरी भी बताई गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।

वहीं, एमके इंपेक्स के संचालक जसकरण सिंह ने एल्यूमीनियम स्क्रैप के दो कंटेनर का आयात कनाडा से किया था। उनका माल 11 दिसंबर को पोर्ट पर पहुंच गया था। इसकी कीमत करीब 70 लाख रुपये है। एडवांस पेमेंट पिछले साल सितंबर में की थी। हर माह 70 हजार रुपये का ब्याज पड़ रहा है। माल खुले में होने के कारण खराब हो रहा है। सोमवार को भी किसानों से मिलने गए थे, लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला।

आयातक युवराज ट्रेडर्स के संचालक पंकज कुमार का कहना है कि उन्होंने अमेरिका से करीब 25 लाख रुपये की सीएनसी मशीन मंगवाई थी। यह दिसंबर से अंदर फंसी है। किसानों की मिन्नतें भी की, लेकिन उन्होंने इन्कार कर दिया। मशीन अंदर पड़ी-पड़ी खराब हो रही है। अब तक छह-सात लाख रुपये का नुकसान हो चुका है।

हालात सुधरने की उम्मीद नहीं

पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसलिए सियासी पार्टियां इस मामले को हल करने के बजाय और तूल दे रही हैं। साफ है कि यह विवाद अभी लंबा चलेगा। सरकार किसानों के प्रति शुरू से ही नर्म रुख अपना रही है। विपक्षी दल आप व शिअद भी किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। सिर्फ भाजपा ही विरोध कर रही है, लेकिन उनके नेताओं को लगातार हमले बर्दाश्त करने पड़ रहे हैं।

राज्य में नेशनल व स्टेट हाईवे पर स्थित टोल प्लाजा भी आठ माह से बंद हैं। यहां काम करने वाले सैकड़ों कर्मचारी पहले ही नौकरी से हाथ धो चुके हैं। अदाणी ग्रुप के अलावा रिलायंस ग्रुप के प्रतिष्ठानों के बाहर भी किसान धरने दे रहे हैं। 150 से ज्यादा स्टोर्स पर 5500 से अधिक लोग काम करते थे। ये सभी स्टोर्स बंद हैं।

पंजाब का नुकसान होता देख बुद्धिजीवी चुप क्यों: जौहल

पंजाब के जाने-माने कृषि अर्थशास्त्री व पद्म भूषण से सम्मानति डा. सरदारा ¨सह जौहल ने वर्तमान हालात पर चिंता जताई है। 94 वर्षीय डा. जौहल ने ट्विटर पर लिखा, 'जो नेता, अभिनेता, आइएएस, आइपीएस, बड़े-बड़े तथाकथित बुद्धिजीवी या फिर लेखक एडि़यां उठा-उठा कर किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे थे, उन्हें बहुत-बहुत बधाई..। पंजाब का नुकसान करवाने में उन्होंने खूब बढ़-चढ़कर योगदान दिया है। पंजाब का नुकसान होता देख अब सब चुप क्यों?'

उन्होंने आगे लिखा, 'यह तो ट्रेलर ही है। आगे-आगे देखिए होता है क्या..। खरबूजा चाकू पर गिरे या चाकू खरबूजे पर.. कटेगा खरबूजा ही..!' गौरतलब है कि डा. जौहल ने इससे पहले भी कहा था कि कृषि कानून किसानों के लिए नुकसानदेह नहीं हैं, लेकिन इन्हें लागू करने में केंद्र सरकार ने हड़बड़ी कर दी। उनके इस बयान पर खूब हंगामा हुआ था। उन्हें फेसबुक पर भद्दी गालियां और जान से मारने की धमकी तक दी गई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.