सब-डिवीजनल अस्पतालों में स्थापित होंगे ईटीपी प्लांट, सिंचाई के लिए इस्तेमाल होगा पानी Ludhiana News
सब-डिवीजनल अस्पतालों का गंदा पानी ट्रीट होगा। इसके लिए पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन की ओर से सब-डिवीजन अस्पतालों में ईटीपी प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं।
जगराओं, जेएनएन। अब राज्य के सब-डिवीजनल अस्पतालों का गंदा पानी ट्रीट होगा। इसके लिए पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन की ओर से सब-डिवीजन अस्पतालों में ईटीपी प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं, जिसके तहत राज्य के जितने भी सब-डिवीजनल अस्पताल हैं उनका गंदा पानी पूरी तरह से ट्रीट होगा, ताकि वह पानी दोबारा सिंचाई आदि के लिए प्रयोग किया जा सके। यह जानकारी पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन के एसडीओ गुरपिंदर सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के दिशा निर्देशों के तहत सभी अस्पतालों में ईटीपी प्लांट लगना जरूरी है ताकि अस्पतालों का केमिकल युक्त गंदा पानी ट्रीट कर साफ-सुथरा किया जा सके। इसके तहत अभी जिला लुधियाना के प्रमुख सिविल अस्पताल लुधियाना का टेंडर नहीं लगा, जबकि सब-डिवीजनल स्तर के सभी जगराओं, रायकोट, साहनेवाल व खन्ना के सिविल अस्पतालों में ईटीपी प्लांट लगने के टेंडर लग कर शुरू करने के निर्देश जारी हो गए हैं। इसके तहत जगराओं के सिविल अस्पताल में ईटीपी प्लांट का काम शुरू हो गया है जिसको पूरा होने में दो महीने का समय लगेगा।
50 से 60 लाख है ईटीपी प्लांट का खर्च
प्रत्येक सब-डिवीजनल स्तर के अस्पताल में ईटीपी प्लांट लगने का खर्च प्रति अस्पताल 50 से 60 लाख रुपये है। इस ईटीपी प्रोजेक्ट लगाने का जिम्मा प्राइवेट कंपनी एसआर इंटरप्राइजेज को दिया गया है जिस पर प्रत्येक ईटीपी के रख-रखाव की जिम्मेवारी पांच वर्ष की है। इस प्रोजेक्ट के तहत रोजाना 50 केएलडी यानि प्रतिदिन 50 किलो लीटर सीवरेज के पानी की सफाई करना है।
प्राइवेट सेक्टर में चल रहा है प्रोजेक्ट
पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी सरदार गुरबख्श सिंह ने बताया कि यह प्रोजेक्ट बायो वेस्ट मैटीरियल प्रोजेक्ट विभाग अधीन आता है। प्राइवेट सेक्टर में तो यह सुविधा उपलब्ध है लेकिन सरकारी विभागों में धीरे-धीरे वर्किंग हो रही है। इस ईटीपी प्रोजेक्ट के बिना किसी भी अस्पताल को मान्यता व एनओसी नहीं मिल सकेगी।
राज्य के 33 सब-डिवीजनल अस्पतालों में चल रहा है प्रोजेक्ट
पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन मोहाली के मैनेजर मनप्रीत सिंह ने बताया कि राज्य के 33 सब-डिवीजनल अस्पतालों में यह प्रोजेक्ट पाइप लाइन अधीन शुरू हो चुका है और बाकी में भी जल्द शुरू होगा। प्रत्येक अस्पताल में ईटीपी प्लांट स्थापित करने का मकसद गंदे पानी से होने वाले प्रदूषण को खत्म करना है और इस सीवरेज के गंदे पानी में अस्पतालों की लैब में प्रयोग होने वाले तरह-तरह के केमिकल होते हैं जिससे प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है। ऐसे में जरूरत है अस्पतालों के पानी को ट्रीट किया जाए। इसलिए अस्पतालों में ईटीपी प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं।
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