ईएसआइसी से लेबर को नहीं मिल रहा लाभ
ऑल इंडस्ट्री एवं ट्रेड फोरम ने मुख्यमंत्री पंजाब को पत्र लिखकर ईएसआइसी की ओर से लेबर के लिए राहत न बनकर केवल एक प्रॉफिट मेकिंग संस्थान बन जाने का आरोप लगाया है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : ऑल इंडस्ट्री एवं ट्रेड फोरम ने मुख्यमंत्री पंजाब को पत्र लिखकर ईएसआइसी की ओर से लेबर के लिए राहत न बनकर केवल एक प्रॉफिट मेकिंग संस्थान बन जाने का आरोप लगाया है। फोरम के प्रधान बदीश जिंदल ने लिखा है कि ईएसआइसी का गठन वर्ष 1952 में कर्मचारियों को सेहत खराब होने की सूरत में सहयोग देने के लिए किया गया था। कर्मचारियों और उद्यमियों को विभाग से कोविड के दौरान राहत की उम्मीद थी, लेकिन केवल शुल्क जमा करवाने के लिए कुछ दिन ही सुविधा दी गई।
हर साल 726 करोड़ रुपये की रकम जुटाई जाती है
पंजाब में हर साल ईएसआइसी की ओर से 726 करोड़ रुपये की रकम जुटाई जाती है, जबकि खर्च मात्र 283.48 करोड़ किया जाता है। वर्ष 2017-18 में ईएसआइसी की आमदनी 22447 करोड़ थी और मेडिकल एवं कैश बेनिफिट के नाम पर 12368 करोड़ रुपये खर्च किए गए। ऐसे में ईएसआइसी ने 10086 करोड़ रुपये अतिरिक्त अर्जित किए, जबकि 2018-19 में प्रॉफिट 9142 करोड़ रुपये रहा।
13 मेडिकल कॉलेजों पर 13 हजार करोड़ खर्च, इलाज कम
विभाग ने 13 मेडिकल कॉलेजों पर 13 हजार करोड़ रुपये खर्च किए। यह कॉलेज न तो चल रहे हैं न ही इन्हें कोई लेने को तैयार है। पंजाब में स्थित अस्पतालों में बेहद कम लोगों का इलाज हो पा रहा है और इसकी कास्टिंग भी लाखों में पड़ रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार को केंद्र के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर इतनी भारी भरकम रकम देने के बावजूद मेडिकल सुविधाएं न मिलने का मुद्दा उठाना चाहिए। पंजाब में लेबर और जरूरतमंद लोगों को इस सुविधा का लाभ बेहतर मिलना चाहिए।