पर्यावरण के पहरेदार करेंगे पवन, पानी और जमीन की रक्षा
हरियावल मुहिम पंजाब सूबे की आबो-हवा को सुधारने के लिए इस साल व्यापक स्तर पर काम करेगी।
जागरण संवाददाता, लुधियाना :
हरियावल मुहिम पंजाब सूबे की आबो-हवा को सुधारने के लिए इस साल व्यापक स्तर पर काम करेगी। संस्था के पदाधिकारियों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए पांच सूत्रीय एजेंडा तय किया है। पूरे साल इसी एजेंडे पर संस्था से जुड़े कार्यकर्ता काम करेंगे।
संस्था के प्रांत पालक प्रमोद कुमार व प्रांत संयोजक राम गोपाल ने जिला टोलियों के साथ वर्ष भर का एजेंडा सांझा किया और उन्हें इसी एजेंडे पर काम करने को कहा। ताकि प्रदेश के वातावरण को बचाया जा सके। इसके तहत पानी, हवा व मिट्टी को बचाने पर जोर दिया जाएगा।
अब व्यर्थ नहीं जाएगा एसी और आरओ का पानी
प्रांत संचालक ने बताया कि जल संरक्षण के लिए जिला स्तर पर संस्था काम करेगी। बरसात का पानी धरती के अंदर जाए, रसोई का व्यर्थ पानी बर्बाद न हो और उसे किसी अन्य काम में इस्तेमाल किया जाए। इसके अलावा एसी व आरओ से निकलने वाले पानी को भी प्रयोग में लाया जा सके इसके लिए कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण दी जाएगी, ताकि वह लोगों को प्रेरित कर सकें।
अब तक सात लाख पौधे लगा चुकी है संस्था
उन्होंने कहा कि एजेंडा का दूसरा पहलू पौधा रोपण है। संस्था ने अब तक सात लाख पेड़ लगा चुकी है और इस साल में और भी ज्यादा पेड़ लगाने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर बाकायदा इसके लिए नर्सरी बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस बार सूबे से विलुप्त हो रहे पौधों व पेड़ों की प्रजातियों के संरक्षण के लिए भी काम किया जाएगा।
कचरा प्रबंधन भी है एजेंडे में शामिल
रामगोपाल ने बताया कि एजेंडे में तीसरा बिदु कचरा प्रबंधन को रखा गया है। उन्होंने कहा कि घर में वैसे कोई भी चीज कचरा नहीं होती। उन्होंने कहा कि अगर गीले व सूखे कूड़े को अलग कर दिया जाए तो दोनों का उपयोग हो जाता है। गीले कूड़े से घर में ही खाद बनाने व पालीथिन से ईको ब्रिक बनाकर प्रयोग में लाया जा सकता है। जबकि सूखे कूड़े को रिसाइकिल किया जा सकता है।
हरित घर में होगें पर्यावरण संरक्षण के सभी इंतजाम
एजेंडे में चौथा बिदु हरित घर का है। उन्होंने कहा कि इस साल प्रदेश में लोगों को हरित घर बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। हरित घर में पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। पांचवां बिदु भूमि बचाने का होगा। उन्होंने कहा कि जो लोग रसायनों का इस्तेमाल करके जमीन की शक्ति को कम कर रहे हैं उन्हें जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा पालीथिन मुक्त कुंभी भी संस्था के एजेंडे में शामिल है।