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Punjab Budget Expectations: मिक्सलैंड यूज घोषित हो इंडस्ट्रियल एरिया, नहीं तो उजड़ जाएगा भारत का साइकिल क्लस्टर

Punjab Budget Expectations लुधियाना के साइकिल उद्यमियों का कहना है कि अगर सरकार इन इलाकों को इंडस्ट्रियल एरिया घोषित नहीं करती और यहां से इंडस्ट्री उठाई जाती है तो आने वाले समय में साइकिल इंडस्ट्री के लिए चल पाना मुश्किल हो जाएगा।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 08:22 AM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 12:28 PM (IST)
Punjab Budget Expectations: मिक्सलैंड यूज घोषित हो इंडस्ट्रियल एरिया, नहीं तो उजड़ जाएगा भारत का साइकिल क्लस्टर
लुधियाना काे देश का साइकिल क्लस्टर भी कहा जाता है। (सांकेतिक तस्वीर)

लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। Punjab Budget Expectations: साइकिल निर्माण में अग्रणी औद्योगिक शहर लुधियाना वर्ष 2023 में मिक्सलैंड यूज इलाकों की मियाद खत्म होने से संकट के बादलों से घिर रहा है। प्रदेश सरकार ने लुधियाना के मिक्सलैंड यूज इलाकों को मास्टर प्लान के तहत केवल 2023 तक इंडस्ट्रियल कार्य में इस्तेमाल करने की अनुमति प्रदान की है। इसके पश्चात यहां से इंडस्ट्री को शिफ्ट करना होगा, लेकिन इसके लिए सरकार की ओर से किसी तरह का औद्योगिक क्षेत्र न बनाए जाने और इसका किसी तरह का विकल्प न देने से इंडस्ट्री परेशान है।

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साइकिल उद्यमियों का कहना है कि अगर सरकार इन इलाकों को इंडस्ट्रियल एरिया घोषित नहीं करती और यहां से इंडस्ट्री उठाई जाती है तो आने वाले समय में साइकिल इंडस्ट्री के लिए चल पाना मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि साइकिल निर्माण के लिए पार्टस का निर्माण इन्हीं मिक्सलैंड यूज इलाकों में होता है। अगर ये इकाइयां बंद होती हैं तो पार्टस न बनने से इंडस्ट्री को आयात का सहारा लेना पड़ेगा। इसके साथ पंजाब बजट से उद्यमियों को वैट और जीएसटी के स्टेट रिफंड वापस मिलने के लिए घोषणा की उम्मीद है। साइकिल उद्यमियों का कहना है कि सरकार साइक्लिंग ट्रैक लगाकर भी इंडस्ट्री को पंख लगा सकती है।

लुधियाना में साइकिल उद्योग का दस हजार करोड़ का कारोबार

बात साइकिल उद्योग की करें तो देश का कुल साइकिल कारोबार सालाना सवा दो करोड़ साइकिलों का है, जोकि विश्व में चीन के बाद दूसरे नंबर पर है। इसमें से 95 प्रतिशत साइकिलों एवं साइकिल पाट्र्स का निर्माण पंजाब में किया जाता है। इसमें लुधियाना की भूमिका अहम है और इसे देश का साइकिल क्लस्टर भी कहा जाता है। लुधियाना में कुल 5500 साइकिल एवं साइकिल पार्टस की इकाइयां हैं। इनमें से 4500 इकाइयां कलपुर्जाें का निर्माण मिक्सलैंड यूज इलाकों में करती हैं। लुधियाना हर साल दस हजार करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करता है। देशभर में साइकिल के कलपुर्जाें की सप्लाई भी लुधियाना से की जाती है। 

साइकिल उद्यमी बोले, प्रदेश सरकार राहत दे

यूनाइटेड साइकिल एवं पार्टस मैन्यूफैक्चरर एसोसिएशन के प्रधान डीएस चावला ने कहा कि सरकार को साइकिल इंडस्ट्री को बचाने के लिए सबसे पहले मिक्सलैंड यूज इलाकों की इंडस्ट्री को राहत देनी चाहिए, क्योंकि यह साइकिल इंडस्ट्री की रीड की हड्डी है। अगर इनपर लटक रही 2023 की मिक्सलैंड यूज की तलवार न हटाई गई तो साइकिल उद्योग संकट में आ जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश सरकार को अपने हिस्से के जीएसटी और वैट रिफंड का बजट भी घोषित करना चाहिए।

साइकिल की रिसर्च और तकनीक अपग्रेडेशनके लिए बने लैब

फेडरेशन आफ इंडस्ट्रियल एवं कामर्शियल आर्गनाइजेशन (फीको) के प्रधान गुरमीत सिंह कुलार के मुताबिक सरकार को साइकिल की रिसर्च और तकनीक अपग्रेडेशन के लिए प्रदेश स्तरीय विशेष लैब बनानी चाहिए, ताकि छोटी इंडस्ट्री भी खुद को अपग्रेड कर इंटरनेशनल मार्केट में आगे बढ़ सके। इसके लिए सरकार आरएंडडी सेंटर में नई तकनीक की मशीनरी लाने के साथ एक्सपर्ट के साथ इंडस्ट्री को बेहतर वर्किंग टिप्स देने पर काम करे।

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