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गुप्तचर : लेटलतीफी साहब की आदत, मुलाजिमों को होना पड़ा शर्मिंदा

पिछले दिनों एक संस्था ने साहब को अपने कार्यक्रम में आमंत्रित कर लिया। वहां लोग भी पहुंच गए और पुलिस मुलाजिम भी। मगर साहब की कुर्सी खाली पड़ी रही।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Sat, 14 Mar 2020 03:24 PM (IST)Updated: Sat, 14 Mar 2020 05:41 PM (IST)
गुप्तचर : लेटलतीफी साहब की आदत, मुलाजिमों को होना पड़ा शर्मिंदा

लुधियाना [अर्शदीप]। पुलिस विभाग के एक एडीसीपी स्तर के अधिकारी की लेटलतीफी से उनके मातहत कर्मचारी बहुत परेशान हैं। दरअसल, साहब की ऊंची पहुंच है और काफी सालों से शहर में अंगद के पांव बने हुए हैं। अकसर महकमे की मीटिंगों और अन्य कार्यक्रमों में देरी से पहुंचना इनकी आदत है। वह अपने अधीन काम करने वाले मुलाजिमों को मीटिंग के लिए तो बुला लेते हैं मगर खुद आधा घंटा देरी से आते हैं। पिछले दिनों एक संस्था ने साहब को अपने कार्यक्रम में आमंत्रित कर लिया। वहां लोग भी पहुंच गए और पुलिस मुलाजिम भी। मगर साहब की कुर्सी खाली पड़ी रही। अब मुलाजिम भी परेशान थे और शर्म महसूस कर रहे थे। तभी एक मुलाजिम ने मोर्चा संभाला और लोगों से बातें करने लगा ताकि साहब की लेटलतीफी का पता न चले। साहब के आते ही एकदम शांत हो गया। सभी समझ गए कि वह साहब की लेटलतीफी पर पर्दा डाल रहा था।

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पैमाने में खाकी का खेल

अब नंबर बनाने के लिए भी एक हद होती है। थाना पीएयू पुलिस की ही बात कर लो। एक गांव में एक्टिवा सवार दो लोगों को काबू कर कैन से नौ लीटर देसी शराब बरामद की। अब इसे सीपी के डंडे का ही असर कहेंगे, थानेदारों ने अपनी रिकवरी बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के लिए लीटर में पकड़ी शराब को मिलीलीटर में दिखा दिया। मामला दर्ज किया गया तो उसमें जिक्र किया कि नौ हजार मिलीलीटर शराब पकड़ी गई है। अब पुलिस नौ हजार मिलीलीटर लिखकर किसकी आंखों में धूल झोंक रही है और क्या साबित करना चाहती है, यह तो बाद की बात है मगर इसकी कई पुलिस के ही मुलाजिम खूब खिल्ली उड़ा रहे हैं। खिल्ली उड़ाने वालों का कहना है कि पुलिस में भी आंकड़ों का खेल चल रहा है। बस साहब को बड़ा आंकड़ा दिखाना है इसलिए वे लीटर को मिलीलीटर में दिखा रहे हैं।

पुलिस की नाक बच रही

लूटपाट और हत्या जैसी बड़ी वारदातें सुलझाने में पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल की पड़ोसी पुलिस सहायक बनी हुई है। हरजिंदर जिंदी की जवाहर नगर कैंप में गैंगस्टर मोनी ने हत्या कर दी थी और वह हरिद्वार जाकर रहने लगा था। वहां की पुलिस ने उसे कार लूट के मामले में पकड़ा तो जिंदी की हत्या का मामला सुलझ गया। पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर लाई। अब गिल रोड पर 30 किलो सोना लूटकांड के मास्टरमाइंड कांग्रेस सरपंच गैंगस्टर गगन जज को आर्गेनाइज्ड क्राइम कंट्रोल यूनिट (ओकू) की टीम ने गिरफ्तार कर मामला सुलझा दिया। शहर में एक के बाद एक हुई लूट की बड़ी वारदातों से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे थे, मगर पड़ोसी राज्यों की पुलिस ने सीपी की नाक बचा ली है। हालांकि अभी और कई लूट की वारदातें अनसुलझी भी हैं। कई लोग तो सीपी को पूजा पाठ करवाने की सलाह भी दे रहे हैं।

अफसरों की बेगार से परेशान

कोरोना वायरस का प्रभाव देखिए कि पिंडी स्ट्रीट के दुकानदार सेनिटाइजर की बेगार से बेहद परेशान हो गए हैं। वहीं सेनिटाइजर के रेट 50 से 70 फीसद तक बढ़ गए हैं। हालांकि मुफ्तखोरों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा है। जब से सेहत विभाग ने बार-बार सेनिटाइजर का इस्तेमाल करने की सलाह दी है तब से केमिस्टों के लिए ही समस्या हो गई है। क्या थाने, क्या पुलिस अफसर और क्या सेहत विभाग के अधिकारी, हर कोई केमिस्टों को सेनिटाइजर के डिब्बों की वगार डाल रहा है। अब करें क्या, उनकी माननी भी तो पड़ेगी। एक दुकानदार ने दुखड़ा सुनाते कह दिया कि अधिकारी अपने रिश्तेदारों को खुश करने के लिए उन्हें वगार डाल रहे हैं और सेनिटाइजर को स्टोर करने में लगे हैं, जैसे यह सेनिटाइजर कहीं बनना ही बंद न हो जाए। अब हालात यह हैं कि बेगार पर जाली सेनिटाइजर ही अधिकारियों को भेजे जा रहे हैं।


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