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थामस कप जीत के नायकों में लुधियाना के शटलर ध्रुव कपिला भी, दादा को खेलते देख थामा बैडमिंटन रैकेट

थामस कप जीत में भारतीय टीम का हिस्सा रहे ध्रुव कपिला ने डबल्स में जर्मनी कनाडा और ताईवान को मात देकर टीम को आगे बढ़ाने में सहयोग दिया। ध्रुव लुधियाना के रहने वाले हैं। वह पिछले कई वर्षों से गोपीचंद अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे।

By Edited By: Published: Tue, 17 May 2022 05:38 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 05:39 PM (IST)
थामस कप जीत के नायकों में लुधियाना के शटलर ध्रुव कपिला भी, दादा को खेलते देख थामा बैडमिंटन रैकेट
जीत के जश्न मनाते हुए लुधियाना के शटलर ध्रुव। फोटो सौजन्य बैडमिंटन एसोसिएशन

कृष्ण गोपाल, लुधियाना। सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। हौसले और लगन से काम करना होता है। भारतीय बैडमिंटन टीम ने इंडोनेशिया मे थामस कप जीतकर ऐसा ही करके दिखाया है। भारत ने इस टूर्नामेंट में पहली बार 14 बार के चैंपियन मेजबान देश इंडोनेशिया को हराकर स्वर्ण पदक जीता है। यह ऐतिहासिक जीत सभी खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन से हासिल हुई है। यह बात दैनिक जागरण से बातचीत में महानगर के शटलर ध्रुव कपिला ने कही। 

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थामस कप में भारतीय टीम का हिस्सा रहे ध्रुव कपिला ने डबल्स में जर्मनी, कनाडा और ताईवान को मात देकर टीम को आगे बढ़ाने में सहयोग दिया। तीसरे मैच के बाद चौथे मुकाबले में ध्रुव कपिला का ही नंबर था परंतु भारतीय टीम तीसरे मुकाबले में ही 3-0 से जीत गई। ध्रुव को खुशी है कि वह इस टीम का मेंबर रहा और भारतीय टीम ने जो इतिहास रचा है, उसमें वह भी योगदान दे सका। 

लुधियाना अकादमी से की ध्रुव ने बैडमिंटन की शुरुआत

दादा राजिंदर कपिला का गुरु नानक स्टेडियम में बैडमिंटन के प्रति लगाव को देखते हुए शटलर ध्रुव ने बैडमिंटन की शुरुआज वर्ष 2008-09 में लुधियाना बैडमिंटन अकादमी से की थी। जिला स्तर से लेकर स्टेट, फिर नेशनल में ध्रुव ने शानदार प्रदर्शन किया।

ध्रुव कापिला को गोपीचंद अकादमी में प्रवेश दिलाने वाले महिंदर चोपड़ा।

जैरी के पिता ने ध्रुव को दिलाया गोपीचंद अकादमी में एडमिशन

गोपीचंद अकादमी का हिस्सा रहे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी प्रणव जैरी चोपड़ा के पिता महिंदर चोपड़ा ने ही ध्रुव कपिला का वर्ष 2012 में गोपिचंद अकादमी में एडमिशन करवाया। एक ही शहर के प्रणव और ध्रुव का तालमेल अच्छा बना और एक साथ ट्रेनिंग के बीच काफी सहयोग मिला। ध्रुव कपिला ने 16 साल की आयु में कर्नाटक में हुए अंडर-19 टूर्नामेंट में भाग लेते हुए मिक्स डब्ल्स, डब्ल्स, टीम इवेंट में तीन मेडल जीते। उसके बाद अंडर-21 मेन कैटेगरी सीनियर में खेलना शुरु किया। इसके अलावा वह टीम इवेंट में वर्ल्ड चैंपियन भी रहा है। एशिया गेम, सैफ गेम में मेडलिस्ट होने के साथ-साथ वह साउथ एशिया गेम में तीन मेडल जीत चुके हैं।

पिता का सपना ध्रुव खेले ओलंपिक

कैलाश नगर निवासी पिता गगन कपिला ने कहा कि ध्रुव 12 साल से गोपिचंद अकादमी में ट्रेनिंग ले रहा है और वर्ल्ड रैंकिंग में 38वें नंबर पर है। वह रोजाना 9 से 10 घंटे प्रेक्टिस करता है। उसकी इस मेहनत का ही नतीजा है कि वह भारतीय टीम का हिस्सा बना है। उनका एक ही सपना है कि बच्चा एक दिन ओलंपिक में इंडियन तिरंगा फहराया।

14 वर्षों बाद ध्रुव की मेहनत रंगत लाई:- कुमारिया

अनुपम कुमारिया ने कहा कि युवा अवस्था में जब यह ध्रुव हमारे पास आया था, तब इसके पिता की लगन व उसके टेलेंट से दिख गया था कि एक दिन यह लड़का कुछ करेगा। 14 वर्षों बाद ध्रव की मेहनत रंग लाई और आज भारतीय टीम की विजेता टीम का हिस्सा होना किसके लिए गर्व की बात नहीं होगी।

पंजाब बैडमिंटन एसोसिएशन ने दी ध्रुव को बधाई

थामस कप विजेता भारतीय बैडमिंटन टीम के हिस्सा ध्रुव कपिला को पंजाब बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण आशु, सचिव अनुपम कुमारिया, विधायक गोगी, जिला खेल अधिकारी रविंदर सिंह, पीबीए महासचिव तेजा सिंह धालीवाल, कांग्रेसी नेता सन्नी भल्ला, आईजी जतिंदर औलख, सतलुज क्लब के सचिव नीतिन महाजन व खेल सचिव राम ने बधाई दी है।


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