शिक्षा सचिव ने स्कूलों का किया औचक निरीक्षण
कड़ाके की ठंड और घनी धुंध में सुबह सुबह जहां ज्यादातर अधिकारी अपने दफ्तरों में बैठे होते हैं वहीं शुक्रवार को स्कूल शिक्षा सचिव पंजाब कृष्ण कुमार जिले के सरकारी स्कूलों में चैकिग के लिए पहुंच गए। वे चंडीगढ़ से सुबह छह बजे के करीब निकले और आठ बजे पायल मलौद व दोराहा के सरकारी सीनियर सेकेंडरी और प्राइमरी स्कूलों में अध्यापकों व विद्यार्थियों की मौजूदगी को देखने के लिए औचक निरीक्षण करने पहुंच गए। सबसे पहले सुबह आठ वह सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल पायल में पहुंचे। जब वह स्कूल पहुंचे तो उस समय कई अध्यापक एक्ट्रा क्लास लगाकर बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ा रहे थे। यह देखकर कृष्ण कुमार ने अध्यापकों को शाबाशी दी और कक्षा में बैठे विद्यार्थियों से भी बातचीत की। इसके बाद शिक्षा सचिव सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल मलौद में पहुंचे।
औचक निरीक्षण पर
जागरण संवाददाता, लुधियाना :
कड़ाके की ठंड और घनी धुंध में सुबह-सुबह जहां ज्यादातर अधिकारी अपने दफ्तरों में बैठे होते हैं, वहीं शुक्रवार को स्कूल शिक्षा सचिव पंजाब कृष्ण कुमार जिले के सरकारी स्कूलों में चेकिग के लिए पहुंच गए।
शिक्षा सचिव सुबह आठ बजे पायल, मलौद व दोराहा के सरकारी सीनियर सेकेंडरी और प्राइमरी स्कूलों में अध्यापकों व विद्यार्थियों की उपस्थित जांचने पहुंचे। सबसे पहले वह सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल पायल पहुंचे। जब वह स्कूल पहुंचे तो उस समय कई अध्यापक अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ा रहे थे। शिक्षा सचिव ने शिक्षकों और विद्यार्थियों को शाबाशी दी। इसके बाद शिक्षा सचिव सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल मलौद पहुंचे। उस समय स्कूल में सुबह की प्रार्थना सभा में राष्ट्र गान हो रहा था। शिक्षा सचिव ने राष्ट्र गान समाप्त होने के बाद एक छात्रा को ग्रीटिग कार्ड के साथ जन्मदिन की बधाई दी। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों को लग्न से पढ़ने की सीख दी। आखिर में सुबह सवा दस बजे वह मलौद के सरकारी प्राइमरी स्कूल में पहुंचे। जहां बरामदे में बच्चे धूप में जमीन पर बैठकर पहाड़े पढ़ रहे थे। इस दौरान हैड टीचर से उन्होंने स्कूल की जरूरतों के बारे में पूछा और जल्द से जल्द जरूरी सामान उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया।
शिक्षा सचिव ने कहा कि वह देखने आए थे कि कड़ाके की ठंड में भी सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाएं लग रही हैं या नहीं। लेकिन उन्हें देखकर खुशी हुई कि ज्यादातर स्कूलों में बोर्ड की कक्षाओं के अध्यापक मिशन शत प्रतिशत के तहत अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं।