पंजाब में शिक्षा विभाग कमजोर छात्रों पर करेगा फोकस, डीईओज से सात दिनों में रिपोर्ट तलब
पंजाब में शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम के लिए शिक्षा विभाग ने कमर कस ली है। विभाग ऐसे स्कूलों व बच्चों की पहचान करेगा जो पढ़ाई में कमजोर हैं। राज्य के सभी डीईओ से इस संबंध में रिपोर्ट तलब कर ली गई है।
जेएनएन, बठिंडा। अब शिक्षा विभाग द्वारा शत प्रतिशत नतीजों के लिए कमजोर विद्यार्थियों वाले स्कूलों पर विशेष जोर दिया जाएगा। इस संबंध में शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर कमजोर विद्यार्थियों की जानकारी देने के लिए कहा गया है।
डायरेक्टर एजुकेशन की तरफ से सभी डीईओ से सात दिनों में रिपोर्ट जारी करने के आदेश दिए गए हैं। उनके द्वारा कमजोर स्कूलों की पहचान का क्राइटेरिया भी तय कर भेजा है। उनके अनुसार जिन स्कूलों में 2020 में 40 प्रतिशत कम अंक वाले विद्यार्थी ज्यादा हैं। वह कमजोर श्रेणी घोषित कर दी जाएगी।
इसके अलावा वो स्कूल जिनके विद्यार्थी बोर्ड की क्लास में मेरिट में आ सकते थे। उनकी सूची भी मांगी गई है। इसी तरह वो स्कूल जहां विद्यार्थियों की संख्या कम है या विद्यार्थी ज्यादातर गैरहाजिर रहते हैं। वो स्कूल जिनमें अध्यापकों की बहुत ज्यादा कमी है और इस कमी के चलते विद्यार्थी की पढ़ाई का नुकसान होता है।
इन सभी स्कूलों की एक सूची जिला शिक्षा अधिकारी को अगले सात दिन के अंदर बनाकर विभाग को भेजनी होगी। डायरेक्टर एजुकेशन ने ऐसे स्कूलों की लिस्ट तैयार कर विभाग को भेजने के साथ-साथ जिला शिक्षा अधिकारी, उप जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लाक नोडल अधिकारी, डीएम और बीएम, शिक्षा सुधार टीम के सदस्यों व जिला नोडल अफसर के पास इन स्कूलों की लिस्ट हर समय मौजूद रहने के भी निर्देश दिए हैं।
इससे पहले शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार द्वारा जिले में आकर सभी जिला मेंटर, ब्लाक मेंटर से बैठक की गई थी। इसमें शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने एसएसटी में कमजोर विद्यार्थी होने पर सभी की क्लास लगाई थी। इस दौरान शिक्षा सचिव द्वारा ऐसे विद्यार्थियों को खोज कर उन्हें पढ़ाई करवाकर पास करवाने के लिए कहा गया है। वहीं सभी जिला मेंटर की ओर से इस बात पर जोर दिया गया कि आने वाले समय में विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए पूरी मेहनत की जाए। किसी भी तरीके से विद्यार्थियों का नतीजा खराब नहीं होना चाहिए।
रिपोर्ट बनाकर भेज दी
बठिंडा के उप जिला शिक्षा अधिकारी इकबाल सिंह बुट्टर का कहना है कि इस संबंध में रिपोर्ट बनाकर भेज दी गई है। हमारे जिले में ऐसे विद्यार्थियों की संख्या काफी कम है। हमारी कोशिश है कि कमजोर विद्यार्थियों पर अधिक जोर देकर नतीजा शत प्रतिशत बनाया जा सके।