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पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर और उनके बेटे पर शिकंजा कसने की तैयारी में ईडी

प्रवर्तन निदेशाालय ने पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और उनके पुत्र रणइंदर सिंह पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है। ईडी कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और रणइंदर सिंह पर आयकर मामले में शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 12:22 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 12:22 PM (IST)
पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और उनके पुत्र रणइंदर सिंह। (फाइल )

लुधियाना , जेएनएन। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके बेटे रणइंदर सिंह की मुश्किल जल्‍द ही बढ़ सकती ह‍ै। कैप्‍टन अमरिंदर और उनके बेटे रणइंदर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।। ईडी की ओर से दोनाें पर शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है। अदालत की अनुमति के अनुसार ईडी 28 सितंबर को आयकर विभाग की तरफ से दायर दो मामलों में फाइलों का निरीक्षण करेगी। उनके निशाने पर वे दस्तावेज हैं जिन्हें अन्य देशों की सरकारों से मंगवाया गया है।

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अदालत की मंजूरी के अनुसार ईडी 28 सितंबर को करेगी फाइलों का निरीक्षण

एक संधि के मुताबिक विदेशी सरकारों से मंगवाए उन दस्तावेजों को सिर्फ अदालत में ही पेश किया जा सकता है। इस दस्‍तावेजों को किसी अन्य विभाग को नहीं दिया जा सकता। ईडी और आयकर विभाग दोनों ही केंद्र सरकार के अधीन आते हैं। मजबूरन आधिकारिक तौर पर ये दस्तावेज ईडी को उपलब्ध नहीं करवाए जा सके। इसके बाद उन्होंने अदालत का रास्ता अपनाया जिससे मुख्यमंत्री और उनके बेटे के लिए मुश्किलें बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

ईडी ने अपने विशेष सरकारी वकील लोकेश नारंग के माध्यम से तीन अर्जियां दायर कर अदालत से इन मामलों में आयकर विभाग द्वारा पेश किए गए नए दस्तावेजों का निरीक्षण करने की इजाजत मांगी थी। ईडी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत अपनी जांच को आगे बढ़ाने के लिए दस्तावेजों का निरीक्षण करना चाहता है।

बता दें कि आयकर विभाग से जानकारी छिपाने के आरोप में कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके पुत्र रणइंदर सिंह के खिलाफ कदम उठाया गया था। आयकर विभाग द्वारा दायर किए गए सभी मामलों में पिछले साल 28 जुलाई को गवाही संपन्न करवाई थी। चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रभजोत सिंह कलेका की अदालत ने आयकर विभाग की तरफ से बहस सुनने के लिए 13 अगस्त तारीख रखी थी, लेकिन अब तक विभाग की तरफ से बहस नहीं हो पाई।


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