विद्यार्थियों के पैसों से नए कालेज खोलने की तैयारी में सरकार
शिक्षा विभाग के डायरेक्टर डायरेक्टर ने राज्य के आठ सरकारी कालेजों को पत्र जारी किया है जिसमें नए कालेज खोले जाने के नाम पर फंड मांगा जा रहा हैं।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : सरकार का एक नया फरमान आया है, जिसमें विद्यार्थियों के पैसों से नए कालेज खोले जाने की बात की जा रही है। शिक्षा विभाग के डायरेक्टर डायरेक्टर ने राज्य के आठ सरकारी कालेजों को पत्र जारी किया है, जिसमें नए कालेज खोले जाने के नाम पर फंड मांगा जा रहा हैं। इसी के तहत लुधियाना के दो सरकारी कालेजों गवर्नमेंट कालेज फार गर्ल्स (जीसीजी) और सतीश चंद्र धवन(एससीडी) सरकारी कालेज को पत्र जारी हुआ है। सरकारी कालेजों को जारी पत्र में कहा है कि राज्य में नए सरकारी कालेज खोले जा रहे हैं। इसलिए जिन सरकारी कालेजों में पेरेंट्स टीचर एसोसिएसन(पीटीए), हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन सोसायटी (एचईआइएस) या अन्य फंड जिसमें पांच लाख रुपये से अधिक राशि उपलब्ध है, उसमें से पांच लाख रुपये डीपीआइ के हायर एजुकेशन फंड में ट्रांसफर किए जाएं।
एससीडी सरकारी कालेज में करीब 5000 और जीसीजी कालेज में 3500 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। हर साल प्रति विद्यार्थी करीब 3000 रुपये पीटीए फंड लिया जा रहा है। पीटीए फंड विद्यार्थियों के वेलफेयर के लिए प्रयोग होता है। इसी तरह एचईआइएस फंड विद्यार्थियों से दाखिले के समय लिया जाता है, जो सेल्फ फाइनांस होता है और सरकार की तरफ से इसके लिए कोई आर्थिक मदद नहीं मिलती है।
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सरकार फंड लेकर कहीं और लगा रही
सरकारी कालेजों के अध्यापकों का कहना है कि कोरोना काल चल रहा है। सरकार विद्यार्थियों से ऐसे समय में फंड तो पूरे ले रही है, लेकिन इसका इस्तेमाल राज्य के अन्य जिलों में खोले जाने वाले सरकारी कालेजों के नाम पर करेगी। ये गलत है। जीसीजी की प्रिसिपल डा. सुखविदर कौर ने कहा कि डीपीआइ की तरफ से कालेज को पत्र मिल चुका है। उनके मुताबिक सरकार लोन के तहत फंड ले रही है। जब नए कालेज खुल जाएंगे तो सरकार वह पैसे कालेज को वापस कर देगी। एससीडी कालेज की प्रिसिपल डा. गुरप्रीत कौर ने भी माना कि कालेज को इस संबंधी पत्र आया है।