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Live Report: दावे निकले हवा-हवाई, लुधियाना में नहीं शुरू हो पाई कुत्तों की नसबंदी

लुधियाना में डेढ़ महीने से कुत्तों की नसबंदी का काम पूरी तरह से ठप है। कुछ दिन पहले अफसरों ने मेयर के सामने दावा किया था कि सोमवार से नसबंदी शुरू हो जाएगी। निगम अफसरों के यह दावे हवा-हवाई साबित हुए है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2020 03:16 PM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 03:16 PM (IST)
Live Report: दावे निकले हवा-हवाई, लुधियाना में नहीं शुरू हो पाई कुत्तों की नसबंदी
लुधियाना निगम कुत्तों की नसबंदी का यह प्रोग्राम भी सही तरीके से नहीं चला पा रहा है। (सांकेतिक फोटो)

लुधियाना [राजेश भट्ट]। शहर में आए दिन डाग बाइट के केस सामने आ रहे हैं। निगम लावारिस कुत्तों की समस्या को तुरंत खत्म करने के मामले में कानून का हवाला देकर हाथ खड़े कर चुका है। यह तब जब एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम के तहत कुत्तों की बढ़ती संख्या रोकना सीधे सीधे निगम के हाथ में है। निगम कुत्तों की नसबंदी का यह प्रोग्राम भी सही तरीके से नहीं चला पा रहा है। इसकी वजह से शहर में कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है।

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बता दें कि लुधियाना में डेढ़ महीने से कुत्तों की नसबंदी का काम पूरी तरह से ठप है। कुछ दिन पहले अफसरों ने मेयर के सामने दावा किया था कि सोमवार से नसबंदी शुरू हो जाएगी। निगम अफसरों के यह दावे हवा-हवाई साबित हुए है। सोमवार को भी कुत्तों की नसबंदी का काम शुरू नहीं हो सका। हालात यह हैं कि हैबोवाल डेयरी कांप्लेक्स में बने एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर में कुत्तों की नसबंदी करने वाला डाक्टर ही नहीं बैठ रहा है।

लुधियाना के हैबोवाल डेयरी कांप्लेक्स में बने एबीसी सेंटर में कुत्तों की नसबंदी करने वाला डाक्टर भी नहीं बैठ रहा है। केंद्र में चारों तरफ अव्यवस्था का आलम है।

नगर निगम अफसरों ने दो दिन पहले नसबंदी प्रोग्राम शुरू करने का दावा किया था तो इसकी सच्चाई जानने के लिए जागरण टीम दोपहर करीब 12 बजे निगम के एबीसी सेंटर पहुंची। वहां उस समय सिर्फ दो कर्मचारी मौजूद थे। वे खुद को एबीसी सेंटर के ओटी में काम करने वाले बता रहे थे। सेंटर में उस वक्त डाक्टर भी माैजूद नहीं था। कर्मचारियों का कहना था कि जब नसबंदी करनी होती है तो डाक्टर आ जाते हैं। इस केंद्र में करीब डेढ़ माह से कुत्तों की नसबंदी नहीं हुई है। केंद्र भी पूरी तरह से अस्त-व्यस्त दिखा। नसबंदी से पहले कुत्ते को जिस रूम में रखा जता है, वहां की मेज टूटकर एक तरफ गिरी हुई थी। आपरेशन थिएटर का भी बुरा हाल था।

मौजूद कर्मचारियों का कहना है कि शनिवार को तीन कुत्ते पकड़कर लाए थे। इनमें से एक ही नसबंदी के लायक है। अभी उसकी भी नसबंदी नहीं की गई है। एक टीम अभी कुत्तों को पकड़ने गई है। वह शाम को कुत्ते पकड़कर लाएगी तो मंगलवार को सर्जरी हो सकेगी। उनका कहना है कि केंद्र में स्टाफ कम है। इसलिए वे ही कुत्ते पकड़ने जाएंगे और लौटकर शाम को ओटी में काम करेंगे।

पांच से छह कुत्तों की हो सकेगी नसबंदी

नगर निगम के एबीसी सेंटर में इस समय छह कर्मचारी हैं। चार शिकायत मिलने पर कुत्ते पकड़ने जाते हैं जबकि दो सेंटर में देखरेख के लिए रुकते हैं। चार लोग एक बार में पांच से दस कुत्ते ही पकड़कर पाते हैं। उनमें से कई की पहले नसबंदी हो चुकी होती है। दस में से औसतन पांच से छह कुत्तों की ही नसबंदी हो सकती है।

हमने कुत्तों को पकड़ना शनिवार से शुरू कर दिया है। एक बार में 30-40 कुत्ते पकड़ेंगे और उसके बाद उनका आपरेशन करना शुरू करेंगे। कंपनी को लेबर बढ़ाने के लिए भी कहा गया है।

- डा. हरबंस डल्ला, सीनियर वेटरनरी अफसर, नगर निगम लुधियाना।


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