लुधियाना में अवैध से रेगुलर हुई कॉलोनियों के दस्तावेजों की होगी जांच, नगर निगम ने दिए कार्रवाई के आदेश
निगम ने साफ कर दिया कि अगर कोई गड़बड़ी पाई गई तो कॉलोनाइजरों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। यही नहीं निगम ने 31 मार्च 2018 के बाद काटी गई अवैध कॉलाेनियों का सर्वे भी हाेगा।
लुधियाना, जेएनएन। पंजाब सरकार की रेगुलाइजेशन पॉलिसी के तहत निगम क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों को रेगुलर करवाने में अवैध अस्टाम पेपरों का इस्तेमाल किया गया। कॉलोनाइजरों ने मार्च 2018 के बाद काटी गई कॉलोनियों के एग्रीमेंट बैक डेट में करवाए और अपनी कॉलोनियों को रेगुलर करवा दिया। मामला चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन के पास पहुंचा तो उन्होंने रेगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत रेगुलर हुई कॉलोनियों के दस्तावेजों की दोबारा जांच के आदेश दे दिए।
अब निगम की बिल्डिंग ब्रांच रेगुलर हुई काॅलोनियों के दस्तावेजों की जांच करेगी और फाइल में लगे अस्टाम पेपरों को खजाना दफ्तर से वेरीफाई करवाया जाएगा। नगर निगम ने साफ कर दिया कि अगर कोई गड़बड़ी पाई गई तो कॉलोनाइजरों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। यही नहीं निगम ने 31 मार्च 2018 के बाद काटी गई अवैध कॉलाेनियों का सर्वे कर उन पर भी कार्रवाई के आदेश दे दिए गए हैं।
दो साल पहले जारी की थी पॉलिसी
स्थानीय निकाय विभाग ने दो साल पहले अवैध कॉलोनियों को रेगुलर करने के लिए पॉलिसी जारी की थी। जिसके तहत 31 मार्च 2018 से पहले काटी गई अवैध कॉलोनियों को रेगुलर किया गया। इस पॉलिसी के तहत निगम क्षेत्र की 150 के करीब अवैध कॉलोनियों को रेगुलर किया गया। इस दौरान कुछ अवैध कॉलोनियां फर्जी अस्टाम पेपर या फिर बैक डेट के अस्टाम पेपर लगाकर रेगुलर की गई। इसकी शिकायत आरटीआइ एक्टिविस्ट कुलदीप खैरा ने इस मामले की शिकायत चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन को दी। इसके बाद चीफ सेक्रेटरी इन शिकायत के आधार पर जांच के आदेश दिए हैं।
अवैध कॉलोनियों का सर्वे कर लिस्ट करेंगे तैयार
बिल्डिंग ब्रांच के एटीपी हेडक्वॉर्टर एसएस बिंद्रा ने चारों जोनों के एटीपीज को आदेश दिए हैं कि वह कॉलोनाइजरों की तरफ से जमा करवाए गए दस्तोवेजों की जांच करें और उसके बाद उसमें लगे अस्टाम पेपरों को खजाना दफ्तर से वैरिफाई करवाएं और यह भी पता करें कि अस्टाम कब जारी किए गए थे।
इसके अलावा एटीपीजी शहर में काटी जा रही अवैध कॉलोनियों का सर्वे कर लिस्ट तैयार करेंगे। उसके बाद एक एक करके कॉलोनियों पर कार्रवाई करने के साथ कॉलेानाइजरों के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करवाएंगे। ग्लाडा भी अपने क्षेत्र की कॉलोनियों के कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर चुका है।