डॉक्टर आशिमा ने पांच दिनों में दी कोरोना को शिकस्त, फिर मरीजों की सेवा में जुटी
देश भर में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए सेहत विभाग के कर्मचारी अपनी जान की परवाह किए बिना दिन रात ड्यूटी पर डटे हुए हैं।
अशवनी पाहवा, लुधियाना : देश भर में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए सेहत विभाग के कर्मचारी अपनी जान की परवाह किए बिना दिन रात ड्यूटी पर डटे हुए हैं। वही ड्यूटी के दौरान कई कर्मचारी इस वायरस से संक्रमित हो चुके है। ऐसी ही एक कोरोना विजेता महिला डॉक्टर हैं, जो महानगर के सीएमसी अस्पताल में ड्यूटी के दौरान कोरोना से संक्रमित होने के बाद मात्र पांच दिनों में इस वायरस को मात देकर वापस मरीजो की सेवा में जुट गई हैं।
गुरुदेव नगर की रहने वाली डॉ. आशिमा अरोड़ा ने बताया कि वह पिछले सात सालों से सीएमसी अस्पताल में बतौर मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉक्टर के पद पर तैनात है। उसके परिवार में माता-पिता व एक भाई है। कोरोना महामारी के चलते वह पिछले सात महीनों से अपने परिजनों से दूर अस्पताल के हॉस्टल में ही रह रही है। महामारी के चलते ही उनकी अस्पताल के कोरोना वार्ड उनकी ड्यूटी लगाई गई थी। जहां ड्यूटी के दौरान 22 अगस्त को शरीर में थकावट होने के चलते उन्होंने कोरोना जांच करवाई। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद डॉ. आशिमा ने खुद को अस्पताल में ही भर्ती करवाया।
डॉ. आशिमा ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव आने के बाद अस्पताल के सभी स्टाफ कर्मचारियों के सहयोग से उसने पांच दिनों में इस वायरस को मात दी और फिर वह तंदरुस्त होकर मरीजो की सेवा में जुट गई हैं। उन्होंने बताया कि संक्रमित दिनों में अस्पताल के सीनियर्स डॉक्टरों ने उसका मनोबल बढ़ाया। उन्होंने लोगो से अपील की है कि कोरोना वायरस जैसी बीमारी से हमें डरना नही चाहिए, बल्कि हमे मिलजुल कर इसका सामना करना चाहिए। लोगो को चाहिए कि वह जरूरत पड़ने पर ही घरो से निकलें। अगर किसी को बुखार, खांसी या गले की परेशानी हो तो तुरन्त नजदीकी अस्पताल में जांच करवानी चाहिए।