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पहले क्लासमेट और फिर परिणय सूत्र में बंधे

हम दोनों ही एक-दूसरे के क्लासमेट रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 06:30 AM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 06:30 AM (IST)
पहले क्लासमेट और फिर परिणय सूत्र में बंधे
पहले क्लासमेट और फिर परिणय सूत्र में बंधे

जासं, लुधियाना : हम दोनों ही एक-दूसरे के क्लासमेट रहे हैं। हम दोनों ने ही करीब पांच साल तक साथ पढ़ाई की है। इस दौरान दोनों की आपस में केवल हाय-हेलो ही होती थी। यह कहना रहा डेंटिस्ट डॉ. आशीष गोयल और बीडीएस एमडी डॉ. गीता गोयल का।

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डॉ. आशीष बता रहे हैं कि वर्ष 2001 से वर्ष 2005 तक दोनों ही सुनाम के एक डेंटल कॉलेज में पढ़ाई करते थे। पहले एक-दूसरे से सिर्फ हेलो-हाय ही होती थी। वर्ष 2004 में दोनों एक-दूसरे के दोस्त बन गए। एक-दूसरे से बातें शेयर करने लगे। दोनों ने अपने नंबर भी एक्सचेंज किए। वर्ष 2005 में ही डॉ. आशीष ने अपना क्लीनिक खोल लिया और डॉ. गीता एमडी करने के लिए वडोदरा चली गई। डॉ. गीता वर्ष 2010 में वापस आई। इस बीच दोनों की आपस में बातें होती थीं। डॉ. आशीष और डॉ. गीता ने कहा कि इस दौरान दोनों के परिवार में ही शादी की बातें होती थी। अब जब दोनों साथ पढ़ते थे और एक-दूसरे को जानते भी थे तो डॉ. आशीष ने डॉ. गीता को वर्ष 2010 में ही शादी के लिए प्रपोज कर दिया। डॉ. गीता ने घर पर शादी की बात की। दोनों ही परिवार इसके लिए राजी हो गए और फिर वर्ष 2011 में दोनों एक दूसरे के साथ परिणय सूत्र में बंधे। बहुत क्रिएटिव और कुशल हैं डॉ. गीता

- डॉ. गीता बहुत ही मेहनती हैं। वह अच्छे से परिवार की जिम्मेदारी संभालती हैं। वह बहुत ही क्रिएटिव और हर काम में कुशल हैं।

- डॉ. आशीष मेहनती और पैशनेट हैं डॉ. आशीष

- डॉ. आशीष बहुत ही साधारण किस्म के व्यक्ति हैं। वह मेहनती तो हैं ही, साथ ही उनका स्वभाव भी बेहद शांत है। वह अपने काम के लिए बहुत ही पैशनेट हैं।

- डॉ. गीता


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