परमात्मा व मौत को मत भूलना : अचल मुनि
एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस की धर्म सभा में गुरुदेव अचल मुनि ने फरमाया कि अगर मोक्ष रुपी मंजिल की प्राप्ति करना है तो गुरुओं का प्रवचन जरूर सुनना।
संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस की धर्म सभा में ओजस्वी वक्ता गुरुदेव अचल मुनि ने फरमाया कि अगर मोक्ष रुपी मंजिल की प्राप्ति करना है तो धर्म सभा में गुरुओं का प्रवचन जरूर सुनना। क्योंकि मात्र सुनने से ही धर्म व अधर्म का पता चलता है। यदि आप गाड़ी चलाते हैं तो उसे सर्विस के लिए गैराज में भेजते हैं ताकि उसकी सफाई हो सके। संत मुनियों की धर्म सभाएं भी गैराज की तरह हैं, जहां तुम्हारे दिल व दिमाग रुपी इंजन की धुलाई की जाती है। जिदगी भी एक संकल्प भी गाड़ी है। अगर इसमें हौसले के पहिए, धर्म का इंजन, कर्म का ईंधन, संयम का स्टीयरिग व्हील, मर्यादा का एक्सीलेटर, अनुशासन का ब्रेक और ज्ञान चरित्र के औजार हों तो यह गाड़ी निश्चित ही मोक्ष मंजिल तक पहुंचती है। परंतु आज का इंसान मुक्ति रुपी मंजिल को प्राप्त करने की बजाय संसार रुपी कीचड़ में धंसता जा रहा है। दुनिया में दो चीजों को कभी नहीं भूलता पहला परमात्मा व दूसरी अपनी मौत। शीतल मुनि ने कहा कि अहंकार को थोड़ा कम कीजिए। इसके कारण ही हमारी गर्दन टेढ़ी हो जाती है। श्री अतिशय मुनि ने रामायण की कथा करते कहा कि प्रभु राम ने अयोध्या से जाते-जाते एक संदेश दिया था कि सवेरे मैं राजा बनूंगा पर बनवास मिला। यानि जो सोचा हुआ होता है वो कभी पूरा नहीं होता। जागृत हो जाओ, क्यों मोह नींद में तुम सोते हो। कुछ तो तुम बचा लो। अगर दूसरों की अपेक्षा तुम्हें देर से सफलता मिलती है तो निराश मत होना, क्योंकि मकान बनाने से कहीं ज्यादा समय महल बनाने में लगता है।