परमात्मा व मौत को मत भूलें : रमेश मुनि
एसएस जैन स्थानक 39 सेक्टर की प्रार्थना सभा में आगमज्ञाता गुरुदेव रमेश मुनि महाराज ने कहा कि संत मुनियों की धर्म सभाएं भी गैराज की तरह हैं ।
संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक 39 सेक्टर की प्रार्थना सभा में आगमज्ञाता गुरुदेव रमेश मुनि महाराज ने कहा कि संत मुनियों की धर्म सभाएं भी गैराज की तरह हैं जहां दिल व दिमाग रुपी इंजन की धुलाई की जाती है। जिदगी भी एक संकल्प भी गाड़ी है। अगर इसमें हौसले के पहिए, धर्म का इंजन, कर्म का ईंधन, संयम का स्टेरिग, मर्यादा का एक्सीलेटर, अनुशासन का ब्रेक और टूल बॉक्स में सम्यग दर्शन, ज्ञान चरित्र के औजार हो तो यह गाड़ी निश्चित ही मोक्ष यानि कि मंजिल तक पहुंचती है। आज इंसान मुक्ति रुपी मंजिल को प्राप्त करने की बजाय संसार के कीचड़ में धंसता जा रहा है। इसमें फंसकर मृत्यु रुपी अटल सत्य को भी भूल जाता है। दुनिया में रहते हुए दो चीजों को कभी नहीं भूलना, पहला परमात्मा व दूसरी मौत। मुकेश मुनि ने कहा कि अहंकार को थोड़ा कम कीजिए। इसके कारण हमारी गर्दन टेढ़ी हो जाती है। रावण, कंस, दुर्योधन, सब के सब अपने अहम के कारण मौत के घाट उतर गए। लड़ना जरूरी है पर अपने आप से: अरुण मुनि संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस में आगमज्ञाता अरुण मुनि मंडली सहित सुखसाता विराजमान है। रविवार को अरुण मुनि ने संदेश में कहा कि जिस दिन तुम्हें अपने हाथ, पैर और दिल पर भरोसा हो जाए उसी दिन तुम्हारी अंतरात्मा कहेगी कि बाधाओं को कुचलकर तुम अकेले चलो। अंत में जीत तुम्हारी ही होगी। कभी भी खतरों से मत घबराओ, परेशानी उन्हीं के रास्तों में आती है जो कुछ करने को तैयार हैं। दुनिया का सबसे मुश्किल काम है, अपने काम से काम रखना। उन्होंने आगे कहा, हर चीज के दो पहलू होते हैं, सकारात्मक व नकारात्मक। लड़ना जरूरी है, पर अपने आप से।