टाटा कंपनी व निगम में विवाद सुलझा, अब होगी पेमेंट
नगर निगम व टाटा कंपनी के बीच एलईडी प्रोजेक्ट को लेकर लंबे वक्त से चल रही खींचतान पर विराम लग गया।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : नगर निगम व टाटा कंपनी के बीच एलईडी प्रोजेक्ट को लेकर लंबे वक्त से चल रही खींचतान पर विराम लग गया। मेयर समेत तमाम पार्षद कंपनी की कारगुजारी पर सवाल खड़े कर रहे थे। कंपनी बार बार निगम से करीब 3.5 करोड़ रुपये मांग रही थी, लेकिन मेयर व पार्षद यह पेमेंट रोक रहे थे। मेयर ने कंपनी को स्पष्ट कह दिया था जब तक पार्षदों ने एलईडी लाइट्स पर संतुष्टि नहीं जताई तब तक पैसे नहीं मिलेंगे। मंगलवार को मेयर बलकार सिंह संधू ने फिर से ऑल पार्टी मीटिग बुलाई। इसमें कंपनी को पेमेंट रिलीज करने पर सहमति जताई गई। बैठक में अलग अलग दलों के पार्षदों ने साफ कर दिया कि कंपनी उनकी शिकायतों की अनदेखी न करे और हर समस्या को तुरंत दूर करे।
सीनियर डिप्टी मेयर शाम सुंदर मल्होत्रा ने बताया कि पहले पार्षद कंपनी के कामकाज से खुश नहीं थे। अब कई पार्षदों ने इस पर संतुष्टि जताई है। इसके बाद पेमेंट जारी करने का फैसला लिया। उन्होंने बताया कि कंपनी की ओर से करीब 3.50 करोड़ रुपये मांगे हैं जिसमें से करीब 75 फीसद राशि रिलीज करने को कहा। जैसे जैसे कंपनी कारगुजारी में सुधार करेगी वैसे वैसे निगम फंड देगा। इस संबंध में निगम अफसरों को मेयर की तरफ से हिदायतें जारी कर दी हैं। बैठक में हरभजन सिंह डंग, जसपाल ग्यासपुरा, सुनीता शर्मा व अन्य पार्षद मौजूद थे।
अफसरों ने दो बार की थी पेमेंट जारी करने की कोशिश
नगर निगम अफसर तर्क दे रहे थे कि कंपनी के साथ जो एग्रीमेंट हुआ है उसके हिसाब से निगम को हर हाल में पेमेंट जारी करनी होगी। इसी वजह से निगम अफसरों ने दो बार पेमेंट जारी करने की कोशिश की थी। पहली बार मेयर ने ऑल पार्टी मीटिग बुलाकर पेमेंट रूकवा दी थी जबकि दूसरी बार कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु की पत्नी व पार्षद ममता आशु ने मुख्यमंत्री व स्थानीय निकाय विभाग को ट्वीट कर दिया था। इसके बाद कमिश्नर कंवलप्रीत कौर बराड़ ने पेमेंट जारी नहीं की थी।
पार्षदों की सुन नहीं रही थी कंपनी
पार्षदों का आरोप था कि कंपनी शिकायतों को दूर नहीं कर रही जिसकी वजह से शहर में ज्यादातर लाइट्स रात को बंद होती हैं। मेयर ने खुद सीईओ व निगम कमिश्नर के घर के बाहर लाइटें बंद होने का राजफाश किया था। इसके अलावा शहर के कई वार्डो में कंपनी की तरफ से पूरी लाइटें नहीं लगाई गई, लेकिन मेयर के अल्टीमेटम के बाद अब पार्षदों की शिकायतें सुनी जाने लगी हैं।