अनुशासन से ही जीवन में आती है चमक : अचल मुनि
लुधियाना एस एस जैन सभा शिवपुरी के तत्वावधान में जारी चातुर्मास सभा में ओजस्वी वक्ता अचल मुनि ने कहा कि आज महल की साफ सफाई करेंगे क्योंकि कल को मानव महल में प्रवेश भी करना है। क्योंकि बिना साफ सफाई के महल किसी काम का नहीं। उन्होंने कहा है कि जीवन में अनुशासन से ही चमक आती है।
संस, लुधियाना
एसएस जैन सभा शिवपुरी के तत्वावधान में जारी चातुर्मास सभा में ओजस्वी वक्ता अचल मुनि ने कहा कि आज महल की साफ सफाई करेंगे, क्योंकि कल को मानव महल में प्रवेश भी करना है। बिना साफ-सफाई के महल किसी काम का नहीं। गंदे स्थान पर बैठना व रहना कोई पसंद नहीं करता। जिस तरह बिना घिसाई व सफाई के महल में चमक नहीं आती, उसी तरह बिना अनुशासन के जीवन में भी कभी चमक नहीं आती। अनुशासन सहन करना बड़ा कठिन है, पर जो ऐसा कर लेते हैं, उनका जीवन भी चमक जाता है। एक पत्थर हथौड़ी व छैनी की मार सहन करके ही भगवान की मूर्ति का रूप धारण करता है। अनुशासन सहन करके ही हमारा जीवन चमकता व दमकता है। अनुशासन का शाब्दिक अर्थ है कि शरीर-इंद्रियां, वाणी एवं मन पर अनुवांछित कार्य न होने देना ही अनुशासन है। एक मिट्टी का पुलिंदा भी सहन करके ही घडे़ का रूप धारण करता है। अनुशासन जीवन का जरुरी अंग है। संघ, समाज, संस्था व घर हर क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए अनुशासन की आवश्यकता है। धर्म में भी आत्मा का अनुशासन जरुरी है। जिस पर अनुशासन किया जाता है, वो कुछ बातों पर अपने जीवन में ध्यान रखे। अनुशासित करने पर कभी क्रोध न करे। उसी भाव से पुत्र अपने पिता और शिष्य अपने गुरु की सेवा भक्ति करता रहे। सोचे कि मेरे भले हेतु ही गुरु कह रहे हैं। शिष्य गुरु की कड़वी बात का जबाव भी मीठी बात से दे।
अतिशय मुनि ने कहा कि किसी भी नगर में दो चीजों का होना शर्म की बात है। एक शराब की दुकान व दूसरा जुआ घर। जुआ प्रलोभन देकर आदमी को बर्बाद करता है और शराब जीवन लेकर आदमी को बर्बाद करती है। शराब पीने के बाद आदमी राक्षस हो जाता है। सरकार कहती है शराब से राजस्व बढ़ता है, इसलिए इसे हम बंद नहीं कर सकते। मगर, मैं कहता हूं कि राजस्व के साथ राज्य के राक्षस भी बढ़ते जा रहे हैं।