पंजाब में नहीं थम रहा पराली जलाने का सिलसिला, अब तक 3113 मामले आए सामने
सरकार की सख्ती के बावजूद पंजाब में खेतों में पराली जलाई जा रही है। पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार को सूबे में पराली जलाने के 204 मामले सामने आए। सबसे अधिक अमृतसर व तरनतारन में पराली जलाई गई।
लुधियाना, जेएनएन। सरकार की सख्ती के बावजूद पंजाब में खेतों में पराली जलाई जा रही है। पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार को सूबे में पराली जलाने के 204 मामले सामने आए। सबसे अधिक अमृतसर व तरनतारन में पराली जलाई गई।
अकेले अमृतसर में ही 1154 मामले
सेंटर से प्राप्त जानकारी के मुताबिक 21 सितंबर से लेकर 13 अक्टूबर तक सेेटेलाइट में पंजाब में खेतों में पराली जलाने के 3113 एक्टिव फायर एवेंटस रिकार्ड किए गए है। इसमें अकेले अमृतसर में ही 1154 एक्टिव फायर इवेंट देखे गए हैं। इसके अलावा तरनतारन में 724, पटियाला में 275, फिरोजपुर में 136, गुरदासपुर में 188, लुधियाना में 88, बठिंडा में 39, बरनाला में 13, होशियारपुर में 16, फतेहगढ़ साहिब में 55, फरीदकोट में 52, फाजिल्का में 19, जालंधर में 57, कपूरथला में 88, मानसा में 29, मोगा में 20, मुक्तसर में 11, रूपनगर में 13, एसएएस नगर में 50, संगरूर में 85 व एसबीएस नगर में 13 एक्टिव फायर इवेंट रिकार्ड किए गए है।
पिछले सालों की तुलना में अधिक घटनाएं
सेंटर से प्राप्त जानकारी की माने तो साल 2019 व 2018 में इन दिनों में पराली जलाने के मामले कम थे। साल 2018 में 21 सितंबर से 13 अक्टूबर के बीच पंजाब में 570 एक्टिव फायर इवेंट रिकार्ड किए गए, जबकि साल 2019 में यह 872 थे। आंकड़ों से ही स्पष्ट हो रहा है कि इस साल पिछले सालों की तुलना में अधिक पराली जलाई जा रही है।
220 टन पैदा हो रही है पराली, बनी मुसीबत
धान पंजाब में खरीफ की मुख्य फसल बन गया है। पंजाब में करीब 30 लाख हेक्टेयर से भी अधिक रकबे में धान की खेती की जा रही है। धान की पैदावार से पंजाब का किसान देश के अनाज भंडार में तो बड़ा योगदान दे रहा है लेकिन इसके साथ पैदा हो रही पराली बड़ी मुसीबत बन चुके है। सूबे में हर वर्ष करीब 220 लाख टन लाख टन पराली पैदा होती है।