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बंपर फसल हाेने के बावजूद महंगा हो रहा गेहूं, जानें क्या है कारण

सरकार ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए ओपन मार्केट सेल्स स्कीम में गेहूं की कीमत 2080 रुपये प्रति क्विंटल तय की है।

By Edited By: Published: Wed, 22 May 2019 02:39 AM (IST)Updated: Wed, 22 May 2019 02:01 PM (IST)
बंपर फसल हाेने के बावजूद महंगा हो रहा गेहूं, जानें क्या है कारण
बंपर फसल हाेने के बावजूद महंगा हो रहा गेहूं, जानें क्या है कारण

लुधियाना, [राजीव शर्मा]। सरकार ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए ओपन मार्केट सेल्स स्कीम में गेहूं की कीमत 2080 रुपये प्रति क्विंटल तय की है। इसके बाद हर तिमाही में रेट 55 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया जाएगा। यह रेट चालू गेहूं सीजन के लिए सरकार की ओर से जारी न्यूनतम समर्थन मूल्य 1840 रुपये प्रति क्विंटल से 240 रुपये अधिक है। ओपन मार्केट स्कीम में ज्यादा रेट आते ही खुले बाजार में गेहूं की कीमतों में एकदम से उछाल आ गया है और खुले बाजार में रेट फिलहाल दो हजार रुपये प्रति क्विंटल  से अधिक हो गया है। जबकि देश में गेहूं का अच्छा उत्पादन हुआ है।

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बावजूद इसके सरकारी नीतियां रेट बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। इससे साफ है कि खुले बाजार में गेहूं पिछले साल के मुकाबले करीब तीन रुपये प्रति किलो महंगा हो जाएगा। काबिलेजिक्र है कि वर्ष 2018 में गेहूं का एमएसपी 1735 रुपये प्रति क्विंटल था। तब सरकार ने रेट 1850 रुपये प्रति क्विंटल तय किया और हर तिमाही इसमें 25 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ। नतीजतन जनवरी से लेकर मार्च 2019 में गेहूं की कीमत 1950 रुपये प्रति क्विंटल  रही। चालू सीजन में गेहूं की एमएसपी 1840 रुपये प्रति क्विंटल है।

सरकार ने ओपन मार्केट के लिए तय किए रेट

सरकार ने ओपन मार्केट के लिए अप्रैल, मई व जून का रेट 2080 रुपये तय किया है। अब हर तिमाही रेट में 55 रुपये का इजाफा होगा। मसलन जुलाई से सितंबर तक रेट 2135 रुपये, अक्टूबर से दिसंबर तक रेट 2190 रुपये और जनवरी से लेकर मार्च 2020 में रेट 2245 रुपये प्रति क्विंटल होगा।

 फ्लोर मिलर्स की सालाना मांग करीब नौ लाख टन गेहूं 

पंजाब रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट नरेश घई का तर्क है कि सूबे में रोलर फ्लोर मिलर्स की सालाना मांग करीब नौ लाख टन गेहूं की है। चालू खरीद सीजन में मिलर्स ने मंडियों से केवल ढाई लाख टन माल ही खरीदा है। क्योंकि मिलर्स के पास पूरे साल की मांग के मुताबिक खरीद करने के लिए न संसाधन हैं और न ही जगह। ऐसे में मिलर्स अपनी मांग पूरा करने के लिए खुले बाजार पर ही निर्भर है। उनका तर्क है कि जब तक खुले बाजार में सस्ती गेहूं मिलेगी, वहीं से खरीद की जाएगी। यहां तक कि मिलर्स गेहूं खरीद के लिए उत्तर प्रदेश का रूख भी कर सकते हैं।

9.91 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन होने की संभावना

उधर माहिरों का तर्क है कि इस बार देश में करीब 9.91 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन होने की संभावना है। पंजाब में 1.71 करोड़ टन गेहूं की पैदावार हो रही है। बावजूद इसके सरकारी नीतियां रेट को उछाल रही हैं।

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