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VIDEO: बबीता बोलीं- दंगल ने बदल डाली लाइफ, शादी पर कहा- करेंगी तो खुद पता चल जाएगा

बबीता का कहना है कि दंगल फिल्म ने उनकी लाइफ स्टाइल ही बदल दी। अब तो शॉपिंग करने जाते हैं तो कर नहीं पाते। लोगों को पता चलते ही घेर लेते हैं, लेकिन जीवन में यह सब अच्छा लगता है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 01 Sep 2018 09:16 AM (IST)Updated: Sun, 02 Sep 2018 05:37 PM (IST)
VIDEO: बबीता बोलीं- दंगल ने बदल डाली लाइफ, शादी पर कहा- करेंगी तो खुद पता चल जाएगा
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लुधियाना [भूपेंदर सिंह भाटिया]। अंतरराष्ट्रीय महिला कुश्ती में देश को कई पदक दिलाने वाली पहलवान बबीता फोगाट को इस बात का मलाल है कि वह एशियाई खेलों में पदक नहीं जीत पाईं। दैनिक जागरण के 'फिट है तो हिट है' कार्यक्रम में बतौर मुख्य मेहमान पहुंचीं बबीता ने कहा, 'मेरे दोनों घुटनों में 2013 से दर्द है, लेकिन मैं फिर भी लड़ती रही और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक भी जीते। अब इंजरी काफी बढ़ जाने के कारण एशियाई खेलों में भाग लेने से वंचित रह गई, जिसका बहुत मलाल है।'

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बबीता कहती हैं कि चोट के कारण ही वह ओलंपिक कैंप में भाग नहीं ले पाईं। अब मेरी यह कमी मेरी छोटी बहनें रीतू और संगीता पूरी करेंगी। दोनों अभी छोटी हैैं, लेकिन वह बेहतरीन प्रदर्शन कर अपने इरादे जता चुकी हैं। 28 वर्षीय बबीता से जब शादी के बारे पूछा तो उन्होंने हंसते हुए कहा, 'बबीता जब शादी करेगी तो खुद ब खुद पता चल जाएगा। फिलहाल अभी शादी का कुछ सोचा नहीं है।'

बबीता ने माना कि दंगल फिल्म ने उनकी लाइफ स्टाइल ही बदल दी। जब फिल्म के प्रोड्यूसर प्रस्ताव लेकर आए थे तो हमने सोचा था कि कोई डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनानी होगी। बाद में पता चला की आमिर खान फिल्म बना रहे हैं तो खुशी का ठिकाना न रहा। बाद में फिल्म हिट हो गई तो हम चंद दिनों में दुनियाभर में छा गए। हमारे परिवार की अहमियत बढ़ गई। अब तो मॉल में शॉपिंग करने जाते हैं तो कर नहीं पाते। लोगों को पता चलते ही घेर लेते हैं, लेकिन जीवन में यह सब अच्छा लगता है।

जीवन की सबसे बड़ी खुशी

बबीता कहती हैं कि अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पदक लेने के दौरान जब राष्ट्रीय गान बजता है तो खुशी से रोम-रोम झूम उठता है। 2014 में ग्लैक्सो में आयोजित राष्ट्रकुल खेलों के दौरान मुझे इंजरी थी। डॉक्टरों ने दंगल में उतरने से मना किया था। घर वाले भी परेशान थे, लेकिन मैंने लडऩे की ठान ली। विपरीत परिस्थितियों में गोल्ड मेडल पाने के बाद खुशी से मेरे आंसू निकल आए।

हरियाणा वाले अब घूंघट वाले नहीं

बबीता खुद और अपनी बहनों को कुश्ती में मिली उपलब्धि को हरियाणा में एक नई मिसाल बताती हैैं। उनका कहना है कि पहले हरियाणा में लोग युवतियों को सिर्फ घूंघट में देखना पसंद करते थे, लेकिन उनकी उपलब्धियों के बाद अभिभावक अपनी बेटियों को लेकर हमारे दंगल में प्रशिक्षण दिलवाने आते हैं। इतना ही नहीं, साक्षी मलिक ने 2016 में स्वर्ण पदक जीत महिला कुश्ती को और बल दिया। अब तो दंगल, सुल्तान और न जाने कौन-कौन सी फिल्में पहलवानों पर बन रही हैं।

युवाओं को दिया संदेश

बबीता ने देश के युवाओं को दिए संदेश में कहा कि लक्ष्य बनाकर मेहनत करने से ही कामयाबी मिलती है। उन्होंने दावा किया कि बदलते समय के साथ क्रिकेट के बराबर मुकाम हासिल करने में कुश्ती कामयाब होगी।

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