कमिश्नर के अल्टीमेटम के बावजूद दरिया में गिर रहा गोबर
बुड्ढा दरिया में गिर रहे डेयरियों के गोबर पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल व टास्क फोर्स सख्त रुख अपना चुकी है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : बुड्ढा दरिया में गिर रहे डेयरियों के गोबर पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल व टास्क फोर्स सख्त रुख अपना चुकी है। एनजीटी व टास्क फोर्स डेयरी संचालकों को कई बार कह चुके हैं कि दरिया में गोबर न गिराया जाए। कुछ दिन पहले निगम कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल ने भी डेयरी संचालकों के साथ बैठक करके अल्टीमेटम दिया था कि दरिया में गोबर गिराया गया तो सख्त कार्रवाई होगी। दो दिन पहले चंडीगढ़ में हुई बैठक में भी टास्क फोर्स ने फिर से निगम अफसरों को दो टूक कहा कि दरिया में गोबर नहीं गिरना चाहिए। बावजूद बुड्ढा दरिया में डेयरियों का गोबर गिराया जा रहा है। डेयरी संचालकों के पास भी गोबर संभालने के लिए कोई विकल्प नहीं है जिससे वह पानी के साथ इस गोबर को दरिया में गिरा रहे हैं।
डेयरी संचालकों ने डेयरियों से अंडर ग्राउंड पाइप डाले हैं जो सीधे दरिया में खुलते हैं। इन पाइपों के जरिए ही गोबर युक्त पानी दरिया में पहुंच रहा है। इससे दो तरह से नुकसान हो रहा है। एक तरफ पानी की बर्बादी हो रही है वहीं दूसरी तरफ दरिया में गोबर गिराया जा रहा है। ताजपुर डेयरी कांप्लेक्स में डेयरी संचालकों द्वारा दरिया में गोबर गिराए जाने पर पिछले साल नगर निगम व पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने चार दर्जन से अधिक डेयरियों पर कार्रवाई की थी। लेकिन उसके बाद फिर से डेयरी संचालकों ने गोबर दरिया में डालना शुरू कर दिया। दरअसल ताजपुर रोड डेयरी कांप्लेक्स में गोबर निस्तारण के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। अब सरकार की तरफ से ईटीपी लगाने की योजना तो है लेकिन इसे लगने में भी दो से ढाई साल का वक्त लग जाएगा। डेयरी संचालक भी बार-बर निगम व पीपीसीबी के अफसरों को कह चुके हैं कि यहां पर जल्दी से जल्दी गोबर प्लांट लगाया जाए ताकि गोबर का निस्तारण किया जा सके। इस संबंध में निगम कमिश्नर प्रदीप सभरवाल का कहना है कि डेयरी संचालकों को हिदायतें दी गई हैं कि दरिया में गोबर न फेंका जाए। अब अगर डेयरी संचालकों ने दरिया में गोबर फेंका तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसोसिएशन की बैठक के बाद निकालेंगे हल
ताजपुर डेयरी कांप्लेक्स एसोसिएशन के प्रधान डीएस ओबराय का कहना है कि कांप्लेक्स में ईटीपी लगाने की योजना है। जब तक ईटीपी नहीं लगता तब तक गोबर निस्तारण उनकी बड़ी समस्या है। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन की एक बैठक बुलाई गई है उस बैठक में फैसला लिया जाएगा कि गोबर निस्तारण के लिए क्या किया जाए। उन्होंने बताया कि डेयरी संचालक सुधार के लिए हर वक्त तैयार हैं।