देश में बन रहे साइकिल पार्ट्स, आयात पर लगे प्रतिबंध
गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद देश में चीन के उत्पादों को लेकर गुस्सा चरम पर है।
राजीव शर्मा, लुधियाना
गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद देश में चीन के उत्पादों को लेकर गुस्सा चरम पर है। चीन के उत्पादों का बहिष्कार किया जा रहा है। ऐसे में उद्योग जगत ने भी चीन को पटकनी देने के लिए कमर कस ली है। इसके तहत साइकिल उद्योग ने केंद्र सरकार को आग्रह किया कि साइकिल उद्योग से जुड़े केवल उन्हीं पार्ट्स के आयात की अनुमति दी जाए जो यहां नहीं बनते। वहीं जिन पार्ट्स का उत्पादन देश में हो रहा है उनके आयात को मंजूरी न दी जाए। ऐसे उत्पादों को प्रतिबंधित सूची में डाला जाए। इससे आयात नियंत्रित होगा और देश में उत्पादन के आधार को मजबूती मिलेगी। इसी तरह घरेलू बाजार की जरूरतों को स्थानीय स्तर पर ही पूरा कर मेक इन इंडिया को भी बल मिलेगा। इस संबंध में एसोसिएशन ने केंद्र सरकार को सुझाव भी दिए हैं।
उद्यमियों का तर्क है कि अभी साइकिल पार्ट्स का आयात ओपन जनरल लाइसेंस के तहत हो रहा है। ऐसे में कोई भी विदेश से आयात कर सकता है। 2018-2019 में देश में लगभग 1750 करोड़ के साइकिल और साइकिल पार्ट्स का आयात किया। उद्यमी कहते हैं कि देश में अच्छी क्वालिटी का स्टील का साइकिल बनाया जा रहा है, बावजूद इसके स्टील के साइकिल भी आयात हो रहा है। इसके अलावा स्टील के फ्रेम, बच्चों का साइकिल, प्लास्टिक पार्ट्स, चेन, मल्टीस्पीड फ्री व्हील, सेडल, शॉकर, चिमटे, फोक, स्टील बॉल, तारें आदि यहां भी बनते हैं और आयात भी हो रहे हैं। देश में केवल गियर सिस्टम, हाईएंड पार्ट्स, डिस्क ब्रेक नहीं बनते। केवल इन्हीं पार्ट्स को ही ओपन जनरल लाइसेंस के तहत आयात करने की अनुमति दी जाए।
मेक इन इंडिया के प्रोत्साहित को सख्त कदम उठाने जरूरी
एसोसिएशन के अध्यक्ष और एवन साइकिल्स लिमिटेड के चेयरमैन कम मैनेजिग डायरेक्टर ओंकार सिंह पाहवा का कहना है कि 95 फीसद बिक्री स्टील के साइकिल की है। इसके विपरीत पांच फीसद ही एलॉय व्हील वाली साइकिल की मार्केट है। उनका कहना है कि विदेशों से सस्ता आयात होने के कारण चुनौती मिल रही है। मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार को आयात को नियंत्रित करने की तरफ कदम बढ़ाने होंगे। इंडस्ट्री लगातार खोज और विस्तार की दिशा पर ध्यान केंद्रित करके विश्व स्तरीय तकनीक के साथ बेहतरीन साइकिल तैयार कर रही है।
विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया करवाने की वकालत
इंडियन बाइसाइकिल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आरडी शर्मा का तर्क है कि कोरोना काल में साइकिल शारीरिक दूरी का बेहतर माध्यम है। यह पर्यावरण फ्रेंडली भी है। चीन के खिलाफ बने माहौल को देखते हुए सरकार को आयात को नियंत्रित करना चाहिए। इससे देश में साइकिल उद्योग के उत्पादन को बल मिलेगा। इसके साथ ही उद्यमियों को विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर भी मुहैया कराया जाए ताकि विश्व स्तर पर भारत साइकिल एवं पार्ट्स में अपनी हिस्सेदारी मजबूत कर सके।