पानी, साबुन और 20 सेकेंड बाद फिर पानी
स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि हाथों को साबुन से 20 सेकेंड तक साफ करें।
आशा मेहता, लुधियाना
कोरोना संक्रमण जबसे तेजी से बढ़ा है, तबसे स्वास्थ्य विशेषज्ञ एक सलाह मुख्य रूप से दे रहे हैं कि अगर हाथ को साबुन से 20 सेकेंड तक साफ करें तो संक्रमण का खतरा 70 फीसद कम हो जाता है। इसी सिद्धात के आधार पर लुधियाना में एक ऐसा टचलेस वाटर कम सोप डिस्पेंसिंग सिस्टम बनाया गया है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के मुताबिक 20 सेकंड तक आपका हाथ साफ करेगा। इस मशीन को काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआइआर), सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमईआरआइ) और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर फार्म मशीनरी (सीएएफएम) ने बनाया है। अभी संस्थान में इस मशीन का प्रयोग हो रहा है। इस स्वचालित हैंड सैनिटाइजिंग मशीन को प्रिंसिपल साइंटिस्ट हेड डॉ. प्रदीप राजन, सीनियर साइंटिस्ट डॉ. नासिर राशिद और इंजीनियर विबिन वी ने सीएसआइआर, सीएमईआरआइ दुर्गापुर के डायरेक्टर डॉ. हरीश हिरानी के मार्गदर्शन में बनाया है। संस्थान का दावा है कि पहले से भी ऐसी मशीन उपलब्ध है, लेकिन उसमें ऐसी प्रक्रिया नहीं है। सीएसआइआर, सीएमईआरआइ दुर्गापुर ने ऐसी मशीन बनाई है, लेकिन वह पहले साबुन छोड़ती है और फिर 20 सेकेंड पानी। सेंसर के सामने हाथ करने पर निकलेगा पानी व साबुन
डॉ. राशिद ने बताया कि टचलेस वाटर कम सोप डिस्पेंसिंग सिस्टम इलेक्ट्रॉनिक्स सेंसर पर सिस्टम आधारित है। इसे इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले डिस्पेंसिंग सिस्टम के नल पर लगाई काले रंग की टैप के ऊपर लगे सेंसर के सामने हाथ करना होगा। इस पर तुरंत तीन सेकेंड के लिए पानी नल से गिरने लगेगा। जब हाथ गीले हो जाएंगे तो पाच सेकेंड के लिए तीन से पाच एमएल साबुन आएगा। इसके तुरंत बाद पानी नहीं आएगा। फिर बीस सेकेंड तक इंतजार करना होगा। इस दौरान हथेलियों व उंगलियों को रगड़ना है। जैसे ही बीस सेकेंड पूरे होंगे तो फिर पानी आएगा। उसके बाद हम हाथ अच्छे से धो सकते हैं। अगर फिर भी हाथ में साबुन रह गया है तो दोबारा से सेंसर को हाथ दिखाएंगे तो पानी आ जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों पर खरा
डॉ. राशिद कहते हैं कि अभी हममें से ज्यादातर लोग हाथ धोने के सही तरीके का पालन नहीं कर रहे हैं। हम अभी नल से पानी लेते हैं, फिर हल्का सा साबुन लगाते और फिर दो या चार सेकेंड तक हाथ को मलते और तुरंत पानी से धो लेते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक साबुन लगाने से पहले हाथ गीला होना चाहिए। साबुन लगाने के बाद बीस सेकंड तक हाथ धोना चाहिए, तब ही उससे वायरस निकलता है। डॉ. राशिद का दावा है कि 90 रुपये के 750 मिली लिक्विड साबुन में 1500 मिली पानी मिलाकर इस मशीन में डाला जाता है। इससे तैयार 2250 मिली लिक्विड साबुन से 500 लोगों के हाथ सैनिटाइज किए जा सकते हैं। एक व्यक्ति के हाथों में तीन से पाच मिली ही साबुन लगता है। बेहद किफायती, बिजली, बैटरी व सौर ऊर्जा तीनों से चलेगी
डॉ. राशिद ने बताया कि इसे महज तीन हजार रुपये की लागत में बनाया गया है। खास बात यह है कि इसे बिजली, बैटरी व सौर ऊर्जा से भी चलाया जा सकता है। इस मशीन की तकनीक को ट्रासफर करने के लिए हम तैयार हैं। फिलहाल अभी हमने जेएंडके में अधिकारियों से संपर्क किया है। इसके अलावा पंजाब, हिमाचल व हरियाणा की सरकार को भी चिट्ठी लिखने जा रहे हैं।