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नए दौर में भी कम नहीं हुआ पुरानी किताबों का क्रेज, शहर की इस दुकान पर जुटती है भीड़

शहर के किताब बाजार में ‘न्यू राकेश बुक सेंटर’ पर पुरानी किताबों की खरीद और बिक्री की जाती है। दुकान करीब आधी सदी पुरानी है। यहां हमेशा युवाओं की भीड़ लगी रहती है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 09:26 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 09:20 AM (IST)
नए दौर में भी कम नहीं हुआ पुरानी किताबों का क्रेज, शहर की इस दुकान पर जुटती है भीड़
नए दौर में भी कम नहीं हुआ पुरानी किताबों का क्रेज, शहर की इस दुकान पर जुटती है भीड़

लुधियाना, [राजीव शर्मा]। बदलते परिवेश में फैशन ट्रेंड नए आए, लोगों की पसंद में भी नयापन आया, लाइफस्टाइल बेहतरीन हो गया, शिक्षा पद्धति भी बदल गई, लेकिन पुरानी किताबों की खरीदने का केज आज भी बरकरार है। किताब बाजार में युवा अपनी पुरानी किताबों को आकर बेचते हैं और नए सत्र के लिए किताबें ले जाते हैं। पुरानी किताबों की दुकानों पर विद्यार्थियों की ज्यादा भीड़ दिखाई देती है। यह सिलसिला दशकों पुराना है। शहर के किताब बाजार में ‘न्यू राकेश बुक सेंटर’ पर भी ऐसी भीड़ हमेशा दिख जाती है। पिछले कई दशक सेंटर यही पुश्तैनी कारोबार कर रहा है।

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पांचवी कक्षा से इंजीनियरिंग की किताबें हैं उपलब्ध

आज भी उनकी दुकान में पांचवीं कक्षा से लेकर ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, प्रोफैशनल कोर्सेस, तकनीकी कोर्स, आईटी, इंजीनियरिंग समेत हर तरह की पुस्तकें मिल जाती हैं।

आधी सदी पुरानी है दुकान

न्यू राकेश बुक सेंटर के संचालक बलविंदर कुमार वोहरा का कहना है कि उनकी दुकान आजादी के बाद खुली थी। यहां शुरू से केवल पुरानी पुस्तकों की खरीद-बिक्री ही की जाती है। बलविंदर वर्ष 1980 से इस कारोबार से जुड़े हैं। उनका कहना है कि पुरानी किताबों का क्रेज तब भी था और आज भी है। लेकिन वक्त के साथ-साथ शिक्षा में काफी बदलाव आए हैं। पहले सालाना सिस्टम चलता था, अब सेमेस्टर सिस्टम आ गया है। पहले सालों साल एक ही सिलेबस चलता था। लेकिन आज तकनीकी एवं प्रोफेशनल कोर्सेस के सिलेबस में तेजी से बदलाव आ रहा है।

पुरानी किताबें खरीदी भी जाती हैं यहां

बलविंदर ने कहा कि वे विद्यार्थियों से पचास प्रतिशत दाम पर पुरानी किताबों की खरीद करते हैं और साठ प्रतिशत कीमत पर बेच देते हैं। उनका यह भी कहना है कि किताब की कीमत उसके एडीशन के हिसाब से तय होती है। पुराने एडीशन के कम पैसे मिलते हैं। उनका कहना है कि वक्त के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की भी मांग काफी बढ़ी है। इन परीक्षाओं के लिए भी खास पुस्तकों का इंतजाम है।

प्रवेश परीक्षाओं ने बढ़ाई किताबों की बिक्री

आजकल लगभग सभी मेडिकल, इंजीनियरिंग समेत कई कोर्सेस के लिए प्रवेश परीक्षाओं का चलन भी बढ़ा है। इन परीक्षाओं को लेकर विद्यार्थी काफी गंभीर हैं और इनकी खूब तैयारी करते हैं। ऐसी प्रवेश परीक्षाओं के लिए किताबों की पूरी रेंज मौजूद है। बड़ी संख्या में विद्यार्थी पुरानी पुस्तकें ही खरीदना पसंद करते हैं। विद्यार्थियों की मांग के अनुसार पूरी कलेक्शन मौजूद रहती है। इसके अलावा धार्मिक पुस्तकों की भी काफी मांग रहती है।

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